ASI dies in road accdient: digi desk/BHN/रतलाम/ बरखेडा थाना पर पदस्थ एएसआइ गोवर्धनसिंह सोलंकी की सड़क हादसे में मौत होने के बाद उनके शव को लेने के लिए उनकी पत्नी और भाई के बीच विवाद हुआ। पत्नी अंतिम संस्कार के लिए शव जावरा तो भाई उज्जैन ले जाने की मांग करने लगे। बाद में पुलिस की समझाइश पर दोनों पक्षों के बीच ताल में ही अंतिम संस्कार करने की सहमती बनी। शनिवार दोपहर ताल की चंबल नदी के पास मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस के अनुसार 48 वर्षीय एएसआइ गोवर्धनसिंह सोलंकी शुक्रवार शाम जांच के लिए किसी गांव गए थे। वहां से बाइक पर थाने लौट रहे थे। तभी रास्ते में बरखेडाखुर्द और बामनखेड़ी के बीच पुलिया पर उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
इससे वे पुलिया के नीचे गिरे तथा गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलने पर डायल 100 का दल मौके पर पहुंचा और उन्हें ताल के सरकारी अस्पताल ले गया लेकिन, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। शनिवार सुबह उनकी पहली पत्नी निर्मला सोलंकी निवासी जावरा तथा भाई करणसिंह निवासी नागझिरी उज्जैन ताल अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया। इस दौरान निर्मला शव उन्हें देने तथा और भाई शव उन्हें देने की मांग करने लगे। थाना प्रभारी नागेश यादव ने बताया कि सोलंकी बाइक सहित खुद गिरे या किसी वाहन ने उन्हें टक्कर मारी यह पता नहीं चल पाया। मामले की जांच की जा रही है।
नहीं तो खूदकुशी कर लूंगी
निर्मला सोलंकी ने मीडिया को बताया कि वह 22 साल से गोवर्धनसिंह सोलंकी की पत्नी है। उनकी तीन बेटियां है। उन्होंने दूसरी शादी कर ली है। 2012 से उनका केस चल रहा है। किसी ने उनका सपोर्ट नहीं किया, पति उन्हें मारपीट कर प्रताड़ित करता था। उनकी किसी ने नहीं सुनी। अब कह रहे है कि उसकी दूसरी पत्नी और 8 वर्षीय बेटी है, वह उनके साथ रहते थे। शव उन्हें नहीं दिया तो उनकी बेटी तथा वे खुदकुशी कर लेंगे। भाई करणसिंह ने कहा कि वे शव उज्जैन ले जाना चाहते हैं। भाभी से कहा वे भी चलें, वहां अंतिम संस्कार कर देंगे। पुलिस ने दोनों पक्षो को विवाद नहीं करने की समझाइश दी। इसके बाद दोनों पक्ष ताल में ही अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।