Panchayat Election in MP: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए प्रदेश के आगामी पंचायत चुनाव में सभी उम्मीदवारों की सूची और शपथ पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश राज्य निर्वाचन आयोग को दिए हैं। सिंह ने कहा है कि यह लोगों का संवैधानिक अधिकार है। इसके लिए सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत आवेदन की आवश्यकता नहीं है। राज्य सूचना आयोग की ओर से यह फैसला एक शिकायत और अपील के प्रकरणों का निराकरण करते हुए सुनाया है।
सिंह ने निर्देश दिए कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ पत्र आरटीआइ दायर होने के 30 दिन के भीतर उपलब्ध कराएं। साथ ही आगामी पंचायत चुनाव में चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों की सभी जानकारी अब प्रत्येक जिले की वेबसाइट पर एक क्लिक पर उपलब्ध कराई जाए। राज्य सूचना आयुक्त ने पंचायत चुनाव के समय सभी उम्मीदवारों की जानकारी जनता को उपलब्ध कराने को जनता का संवैधानिक अधिकार माना है। आदेश में कोरोना संक्रमण के बदलते स्वरूप के चलते पंचायत चुनाव के दौरान रिटर्निंग अधिकारी के दफ्तर में सूचना के लिए भीड़ कम से कम लगने को भी आधार बनाया है।
जनता को जानकारी का अधिकार
सिंह का मानना है कि जैसी कसावट और पारदर्शिता लोकसभा और विधानसभा चुनाव में होती है, वैसी ही पंचायत चुनाव में भी होनी चाहिए। मतदाताओं को यह जानने का हक है कि उनके जनप्रतिनिधियों ने चुनाव दर चुनाव कितनी संपत्ति अर्जित की है या उनके खिलाफ कौन से अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। आदेश में सामान्य प्रशासन विभाग से इस आदेश का पालन सभी कलेक्टरों से कराने को कहा गया है।
यह है मामला
आरटीआइ एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी ने आरटीआइ के तहत रीवा जिले में वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि के शपथ पत्र की जानकारी मांगी तो तहसीलदार ने यह कहते हुए मना कर दिया कि जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग के निर्णय के अनुसार सील बंद लिफाफे में है और उसे खोलने का उन्हें अधिकार नहीं है। इसके बाद सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा तो पता चला कि शपथ पत्रों को सीलबंद लिफाफे में रखने का नियम नहीं है, बल्कि मतपत्र को सीलबंद लिफाफे में रखने का नियम है। इस अपील के अलावा शिवानंद द्विवेदी ने एक शिकायत भी राज्य सूचना आयोग के समक्ष रखी, जिसमें रीवा संभाग के अलावा अन्य जिलों में वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध नहीं होने के तथ्य को सामने रखा।