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Success Story: 21 की उम्र में पति को छोड़ा, सिंगल मदर होकर पढ़ाई की और अब बन गईं सब-इंस्पेक्टर

Left her husbend at the age of 21 studied as a single mother: digi desk/BHN/ केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के कांजीरामकुलम की रहने वाली एनी इन दिनों खूब चर्चा में हैं। चर्चा की वजह है एनी की कहानी, जिसे सुनकर कोई भी प्रभावित हो जाएगा। एनी 21 साल की होने से पहले अपने पति से अलग हो गई थीं। उनके माता-पिता ने उन्हें और उनके आठ महीने के बेटे को साथ रखने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी दादी के घर में रहकर संघर्ष की शुरुआत की। जीवन यापन करने के लिए उन्होंने घर-घर जाकर सामान बेचा और त्योहार के मौकों पर फेस्टिवल ग्राउंड में नींबू पानी और आइसक्रीम का ठेला भी लगाया।

एनी अब 31 साल की हो चुकी हैं और शनिवार से वर्कला पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर का कार्यभार संभाला है। उनके सब-इंस्पेक्टर बनने के बाद सोशल मीडिया पर नेताओं से लेकर फिल्मी सितारों और अन्य लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।

मुश्किल हालातों में भी नहीं छोड़ा पढ़ाई

कॉलेज के पहले साल में एनी को एक लड़का पसंद आया। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा कि उससे शादी करा दें, लेकिन उनके माता पिता ने किसी और लड़के के साथ उनकी शादी करा दी। शादी के कुछ समय बाद ही वो मां बन गई, पर इसके बाद जल्द ही उन्होंने अपने पति को छोड़ दिया। इस दौरान भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और डिस्टेंस लर्निंग के जरिए पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की।

गंदी नजरों से बचने के लिए कटवा लिए बाल

अनी ने ठेला लगाने और घर-घर जाकर सामान बेचने के अलावा बैंकों में बीमा पॉलिसी की ब्रिक्री भी की। बड़े शहर में सिंगल मदर होने की वजह से उन्हें लोग जल्दी घर किराए पर नहीं देते थे। या कुछ समय बाद ही उनसे घर खाली करवा लिया जाता था। घर शिफ्ट करने के दौरान और नया घर ढूढ़ते समय लोग उन्हें गंदी नजरों से देखते थे। इससे बचने के लिए उन्होंने ‘बॉय कट’ हेयरस्टाइल रखने का फैसला किया था।

2016 में रंग लाई मेहनत

एनी के संघर्ष भरे समय में एक रिश्तेदार ने उनकी मदद की। उन्होंने एनी को पुलिस की तैयारी करने को कहा और पढ़ाई में मदद के लिए पैसे भी उधार दिए। 2016 में एनी को पहली बार सफलता मिली और वो सिविल पुलिस अधिकारी बनीं। इसके तीन साल बाद उन्होंने सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा पास कर ली। डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद शनिवार के दिन एनी को वर्कला थाने में प्रोबेशनरी सब-इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।

जब तक हम खुद हार नहीं मान लेते तब तक हमारी हार नहीं होती है

एनी ने कहा, “मुझे एक आईपीएस अधिकारी के रूप में देखना मेरे पिता का सपना था। इसलिए मैंने बहुत मेहनत से पढ़ाई की। नौकरी पाना मेरा मिशन बन गया था। जीवन की परिस्थितियों पर रोने का कोई फायदा नहीं होता। हमें छलांग लगानी होती है। हमारी हार तब तक हार नहीं है जब तक हम यह तय नहीं कर लेते कि हम हार गए हैं।”

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