Protest Against Farm Laws: digi desk/BHN/भोपाल/ राजपाल भवन पहुंचने की जिद कर रही सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम को पुलिस ने गांधी भवन के पास रोक लिया है। साथ में 50 से अधिक किसान नेताओं को भी रोका गया है। कुछ किसान नेताओं को नीलम पार्क व अन्य स्थानों से हिरासत में भी लिया है। ये सभी कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर राज्यपाल से मिलने की मांग कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन का तर्क है कि शहर में धारा 144 लागू है। ऐसे में किसी को अनुमति नहीं दे सकेंगे। गांधी भवन के बाहर किसान, पुलिस प्रशासन के बीच इन्हीं बातों को लेकर बहस हो रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने दी थी चेतावनी
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक दिन पूर्व शुक्रवार शाम को चेतावनी दी थी कि राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ मार्च करेंगे। इसमें किसानों के हितों को उठाएंगे। मेधा पाटकर के सहयोगी व मोर्चा के पदाधिकारी राजा मंडलोई ने बताया कि गांधी भवन में मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम व अन्य प्रतिनिधि जुटे थे। कोरोना से बचने के लिए सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन भी किया जा रहा है। किसान आंदोलन में मृत किसानों को नीलम पार्क में याद किया जाना था। बहुत ही छोटा कार्यक्रम रखा था। वहां से मार्च करते हुए राज्यपाल से मिलना था और उन्हें किसानों के साथ किए जा रहे अन्याय के बारे में ज्ञापन सौंपना था। उसके पहले ही पुलिस ने सुबह से घेराबंदी कर दी थी। गांधी भवन से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। दोपहर 12 बजे के करीब मार्च शुरू करने की कोशिश की तोे पुलिस ने कुछ किसान प्रतिनिधियों को हिरासत में ले लिया है। वहीं किसान नेता कक्काजी को नजर बंद करने की खबर भी है।
गांधी भवन के गेट पर धरने पर बैठी मेधा पाटकर व डॉ. सुनीलम
दोपहर में जब पुलिस ने किसान प्रतिनिधियों को रोक लिया तो मेधा पाटकर व डॉ सुनीलम गांधी भवन के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिशें की लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे।