Lambda Variant: digi desk/BHN/लंदन/ भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही थम गई हो लेकिन डेल्टा वैरिएंट का खतरा लगातार बढ़ते जा रहा है। इसी अब खबर यह भी है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरल का डेल्टा वैरिएंट नहीं, बल्कि Lambda Variant ज्यादा कहर बरता रहा है और यह डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक है। ब्रिटेन में पाए गए इस नए Lambda Variant को लेकर हाल ही में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने जानकारी साझा की है। कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को Lambda नाम दिया गया है।
अभी तक मिले कुछ 6 मामले
बिट्रेन में Lambda Variant के कुछ 6 मामले 23 फरवरी से लेकर 7 जून के बीच दर्ज किए गए हैं। इन सभी 6 मामलों में 5 लोगों ने विदेश यात्रा की थी, जिसके बाद कोरोना संक्रमित हुए। गौरतलब है कि Lambda Variant का पहला मामला पेरू में दर्ज किया गया था। इस वेरिएंट को C.37 स्ट्रेन के रूप में भी जाना जाता है।
कोरोना वायरस के Lambda Variant म्यूटेशन को लेकर ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि Lambda Variant अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यााद खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह ज्यादा संक्रामक हो सकता है। हालांकि अभी इसके प्रमाण नहीं मिले है। विश्व में डेल्टा कोरोना फिलहाल तेजी से पैर पसार रही है। कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट ही भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना गया है और अब डेल्टा प्लस वैरिएंट भी भारत में तेजी से फैल रहा है। ब्रिटेन ने डेल्टा वेरिएंट के करीब 35000 नए मामले दर्ज किए हैं।
संक्रमण ने पकड़ी गति
शुक्रवार को ब्रिटेन में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के मुताबिक देश में इस सप्ताह डेल्टा कोरोना वायरस वायरस के कुल 35 हजार के ऊपर नए मामले सामने आए हैं। नए आंकड़े जारी होने के बाद ब्रिटेन में एक्टिव कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर एक लाख से ऊपर पहुंच गई है। ब्रिटेन में मौजूदा वक्त में 96 फीसद मामले डेल्टा कोरोना वायरस के ही हैं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट पर प्रभावकारी है, जिसके कारण अस्पतालों में ज्यादा मरीज भर्ती नहीं हो रहे हैं।
दक्षिण अमेरिकी में ज्यादा केस
लैमडा वैरिएंट के मामले दक्षिण अमेरिकी देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं। अप्रैल के बाद से पेरू में अनुक्रमित कोरोना वायरस मामलों का 81 फीसद हिस्सा इसी वैरिएंट का है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक चिली में लैमडा वैरिएंट पहली बार यूके में पहचाने गए अल्फा स्ट्रेन से आगे निकल गया है। वहीं अर्जेंटीना में भी फरवरी के बाद से लैमडा वैरिएंट के मामले बढ़े हैं।