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सोना कारोबारियों को सरकार ने दी बड़ी राहत, अब अपने सोने से भी लोन चुका सकेंगे ज्वेलर्स, जानिए क्या है तरीका

Government gave big relief to gold traders: digi desk/BHN/ कोरोना की मार के बीच सरकार देश के सोना कारोबारियों को बड़ी राहत देने जा रही है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा कि वह गोल्ड लोन का कुछ हिस्सा सोने के रूप में स्वीकार करना शुरू करें। इससे ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स और घरेलू गोल्ड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स को बड़ी राहत मिलेगी। गोल्ड लोन का भुगतान आमतौर पर भारतीय रुपये में ही होता है। लेकिन यदि बैंक यह सुविधा देते हैं तो सोने की जो कीमत होगी उसी आधार पर लोन चुकाया जा सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने इन नियमों की समीक्षा की है।

रिजर्व बैंक ने जो सर्कुलर जारी किया है उसके अनुसार, बैंकों को गोल्ड लोन का कुछ हिस्सा एक किलो अथवा इससे अधिक सोने के रूप में लौटाने का विकल्प देने को कहा गया है। हालांकि इसमें कुछ शर्तें भी रखी जाएंगी। ताकि बैंकों को ज्यादा परेशानी न हो।

सोना कारोबरियों को मिल सकती है GMS की सुविधा

बैंकों को फिलहाल जो निर्देश हैं उनके अनुसार सोने का आयात करने के लिये प्राधिकृत बैंक और गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम, 2015 में भागीदारी करने वाले प्राधिकृत बैंक GMS की सुविधा दे सकते हैं। यह सुविधा ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स और गोल्ड ज्वैलरी के घरेलू विनिर्माताओं को दी जा सकती है।

स्थानीय सोने की भागीदारी जरूरी

इसके लिए जरूरी शर्त यह है कि जीएमएल को स्थानीय रूप से प्राप्त या जीएमएस से जुड़े सोने से बढ़ाया गया हो। इसके साथ ही रिपेमेंट के लिए स्थानीय रूप से प्राप्त IGDS/LGDS गोल्ड का उपयोग किया जा सकता है। इस सुविधा के जरिए बिना बॉरोअर की भागीदारी के सोने के जरिए रिपेमेंट किया जा सकता है।

विवरण होना भी जरूरी

दूसरी शर्त यह भी है कि लोन एग्रीमेंट में यह विवरण होना चाहिए कि लोन लेने वाला कारोबारी सोने के रूप में रिपेमेंट कर सकता है। RBI ने बैंकों को रिस्क मैनेजेमेंट के उपाय करने को कहा है। साथ ही सभी बैंकों से जीएमएल नियंत्रित करने वाले बोर्ड से अनुमोदित नीति में सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए कहा गया है।

2015 में शुरू हुई थी यह स्कीम

आरबीआई ने बताया बै कि, इसके अलावा बैंक जीएमएल के तहत उधार दिए गए पैसे के अंतिम उपयोग की निगरानी करना जारी रखेंगे। इसमें गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। आपको बताते चलें कि साल 2015 में भारत सरकार ने देश में घरों और संस्थानों में रखे गए सोने को मोबेलाइज करने के लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम शुरू की थी।

क्या है यह स्कीम

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सरकार लोगों का सोना बैंकों में लाना चाह रही है। इससे बाजार में लागत बढ़ेगी। साथ ही लोगों को ब्याज भी मिलेगा। इससे उनके खर्च बढ़ेंगे। पहले आपको सोना जमा करने के लिए लॉकर लेना पड़ता था, पर अब ऐसा नहीं है। इस वजह से अब सोने में निवेश करना और सोना खरीदना काफी आसानी और फायदेमंद हो चुका है। सरकार की इस योजना से सोने की उपयोगिता भी बढ़ी है।

 

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