Bengluru court give relief to twitter india chief: digi desk/BHN/ कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर इंडिया के MD को बड़ी राहत देते हुए वर्चुअल माध्यम से पूछताछ का जवाब देने के अनुमति दे दी है। UP पुलिस ने गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग के साथ मारपीट मामले में पूछताछ के लिए ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी को लोनी बॉर्डर थाने में आने को कहा था। मनीष माहेश्वरी ने आने में असमर्थता जताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सहयोग देने की पेशकश की थी। लेकिन यूपी पुलिस ने इसे ठुकराते हुए दूसरा नोटिस जारी किया और सशरीर उपस्थित नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके बाद मनीष माहेश्वरी ने बेंगलुरू में ट्रांजिट अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी दी थी। इसी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश सुनाया।
माना जा रहा था कि पूछताछ के लिए यूपी पहुंचने पर मनीष माहेश्वरी को गिरफ्तार किया जा सकता है। इसे देखते हुए मनीष माहेश्वरी ने बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) का दरवाजा खटखटाया और लोनी के वायरल वीडियो मामले में ट्रांजिट अग्रिम ज़मानत की मांग की। मनीष माहेश्वरी के वकील ने दलील दी कि उनका क्लाएंट बेंगलुरु में रहता है और वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ में सहयोग देने के लिए तैयार है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी कहा है कि वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जा सकता है। लेकिन यूपी पुलिस उन्हें अपने थाने बुलाने पर ही जोर दे रही है। वकील के मुताबिक उनका क्लाएंट इस ऑर्गेनाइजेशन में काम करता है, और उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है।
आपको बता दें कि पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हाल ही में एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले में “सांप्रदायिक अशांति फैलाने” के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था। इस मामले में गाजियाबाद पुलिस इस बात के लिए जवाब मांग रही है कि वीडियो पर आपत्ति होने के बावजूद ट्विटर ने उसे क्यों नहीं हटाया और उसे मैनिपुलेटेड टैग क्यों नहीं दिया?