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Google Map में कोच्ची के पास समुद्र में दिखा 8 किमी लंबा, 3.5 किमी चौड़ा रहस्यमी द्वीप, सरकार करेगी जांच

Google Map: digi desk/BHN/ Google Map (गूगल मैप) की सैटेलाइट इमेज में केरल के कोच्चि शहर के पास एक एक आइलैंड देखा गया है। यह आइलैंड बीन के आकार का है और पानी के नीचे है। इसे पश्चिमी तट के नजदीक अरब सागर में देखा गया है। इसका क्षेत्रफल पश्चिमी कोच्ची का आधा है। गूगल मैप के अनुसार यह कोच्चि शहर से 7 किलोमीटर दूर है, पर कभी भी इसे पहले नहीं देखा गया। गूगल मैप की फोटो देखकर विशेषज्ञ भी हैरान हैं। वह इसे पानी के नीचे की संरचना मान रहे हैं। केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज के अधिकारी इसकी जांच की योजना बना रहे हैं।

कैसे हुआ खुलासा

‘द न्यूज मिनट’ की रिपोर्ट के अुसार, चेलनम कार्शिका टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी नामक संगठन ने KUFOS के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस आइलैंड की जानकारी दी। संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट केएक्स जुलप्पन ने इस महीने की शुरुआत में एक फेसबुक पोस्ट में गूगल मैप के कई स्क्रीनशॉट शेयर किए और इस द्वीप के बारे में बताया। मैप के आधार पर उन्होंने दावा किया कि यह आइलैंड 8 किमी लंबा और 3.5 किमी चौड़ा है।

जांच में पता चलेगा कैसे हुआ निर्माण

KUFOS के कुलपति के रिजी जॉन ने कहा “गूगल मैप्स से देखने पर यह पानी के नीचे किसी अन्य द्वीप जैसा दिखता है। इसी तरह के अवलोकन हुए हैं और इसके लिए एक विशिष्ट आकार भी है, लेकिन हम नहीं जानते कि यह किस चीज से बना है। ये रेत भी हो सकती है और मिटटी भी, इन बातों का पता जांच में ही लगाया जा सकता है। फिलहाल हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। मछली पकड़ने वाले समुदाय के सदस्यों ने संदेह जताया है कि यह गठन कोचिन बंदरगाह द्वारा ड्रेजिंग का परिणाम है। हमें इस संभावना की भी जांच करनी होगी। आमतौर पर पानी के नीचे की धारा, तटवर्ती बहाव जैसे कारकों के कारण, अभिवृद्धि या तट के क्षरण जैसी प्रक्रियाएं देखी जाती हैं। केरल में ही दक्षिण क्षेत्र की ओर कटाव की समस्या है, जबकि वाइपेन जैसे क्षेत्रों में किलोमीटर लंबी अभिवृद्धि देखी जाती है। हम ठीक से यह नहीं कह सकते कि क्या यह घटना भी उसी कारण से है।”

आकार में नहीं हो रहा बदलाव

KUFOS आने वाले दिनों में अन्य विशेषज्ञों के साथ बैठक करेगा और अध्ययन करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श होगा। वहीं चेल्लनम कार्शिका टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने दावा किया है कि यह द्वीप पिछले चार सालों से देखा जा रहा है। हालांकि, इसके आकार में विस्तार नहीं हुआ है। इस रहस्यमय आइलैंड को लेकर कई सवाल हैं, जिनका जवाब केवल जांच में ही मिल सकता है।

 

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