That delta plus variant:digi desk/BHN/ स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने स्वास्थ्य विभाग के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये सही है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने अहम भूमिका निभाई है। और इस वैरिएंट के नये म्यूटेशन का पता चला है, जिसे डेल्टा प्लस कहा जा रहा है। मार्च में इसे यूरोप में देखा गया और 13 मार्च को इसे सार्वजनिक किया गया। लेकिन फिलहाल इसे जांच का विषय कहा जा सकता है, चिंता का विषय नहीं।
डॉ वीके पॉल ने कहा कि यह म्यूटेशन अभी चिंताजनक नहीं है और हमें इसकी प्रगति पर नजर रखनी होगी। सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यह वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के उपयोग को खत्म कर देता है। हम इस म्यूटेशन के बारे में और अधिक अध्ययन करेंगे और जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि हम 2020 की तुलना में इस साल ज्यादा संक्रामक वैरिएंट का सामना कर रहे हैं। इसलिए ज्यादा सावधानी और नियमों का कड़ाई से पालन करने की जरुरत है।
उन्होंने नोवावैक्स कंपनी के वैक्सीन के बारे में कहा कि इसके बारे में जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके मुताबिक ये वैक्सीन काफी सुरक्षित और असरदार है। भारत में भी इसका उत्पादन किया जाएगा। इसके क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं और ये एडवांस स्टेज पर हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि अब देश में वायरस का फैलाव काफी कम हो गया है। 7 मई को सामने आये सबसे ज्यादा मामलों के बाद से दैनिक कोविड मामलों में लगभग 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना संक्रमण के साप्ताहिक दर में 78 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज गयी है। फिलहाल, ऐसे 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां एक्टिव केस 5000 से कम है।