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Narsimhapur: बारिश थमने के बाद अब खेतों में दिखी फसल की बर्बादी

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा/गाडरवारा/digi desk/BHN/ भारी बारिश से जिले के खेतों में भरा पानी छटने के साथ ही फसलों की बर्बादी का दर्दनाक मंजर दिखने लगा है। जिसे देख किसान भी रूआंसे व उदास है और कह रहे कि बारिश ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। रविवार को खेतों में किसानों की मौजूदगी तो रही लेकिन हर तरफ फसल को हुए नुकसान की बातें चलती रही। कहीं खेतों में पानी से भीगने के बाद सड़ी फसल के ढेर किसान हटाते रहे तो कहीं अधिक पानी से गल रही खड़ी फसल को बचाने की कवायद रही। खेतों में लगे कटी फसल के ढेरो में आए अंकुरण को किसान दिखाते हुए मांग करने लगे है कि शासन जल्द सर्वे कर फसलों को हुई क्षति में राहत देने की कार्रवाई करे।

जिले में दो दिन तक लगातार बारिश के बाद शनिवार की रात से ही बारिश का दौर थम गया है। लेकिन दो दिन की बारिश ने ही मूंग उत्पादक किसानों को काफी नुकसान कर दिया है। खेतों में भरा पानी जैसे-जैसे छट रहा है फसल की बर्बादी और किसानों को हुए नुकसान की तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिले में इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर गर्मी के सीजन की मूंग बोई थी। जिसमें पहले हुई बोवनी की फसल में कटाई का कार्य पहले ही शुरू हो गया था। साथ ही देर से हुई बोवनी वाले किसानों की फसल कहीं खेतों में कटकर रखी हुई थी तो कहीं किसानों की फसल पककर तैयार थी और कटाई होना थी। लेकिन दो दिन की बारिश ने किसानों को नुकसान की चपेट में ला दिया है। कृषि विभाग की मानें तो ताजा सर्वे के अनुसार जिले में मूंग का कुल रकबा 85 हजार हेक्टयर से अधिक आंका गया है।

अच्छे उत्पादन की उम्मीद धूमिल

तेंदूखेड़ा क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश होने से किसानों को अधिक नुकसान बताया जा रहा है। पीड़ित किसानों ने बताया कि कुछ उपज तो खेत में ही कटी रखी की रखी रह गई। आज जब धूप खिलने पर फसल को उठाया तो सड़ी फसल निकली। कुछ तैयार खड़ी फसल की फलियां चटकने लगी है। स्थिति यह है कि पिछले दो दिनों में मूंग उपज के दानें पुनः खेत में ही अंकुरित होने लगे है। ग्राम काचरकोना, उमरपानी, भामा, बीकोर, गंगई, टेकापार, जैतपुर, मदनपुर, ढिलवार, मर्रावन, महुआखेड़ा, खमरिया, डोभी, रम्पुरा, इमझिरा, गुटोरी, देवरी, काशीखैरी, बरखंदा, पड़रिया क्षेत्रों में फसल के लिए काफी नुकसान बताया जा रहा है। किसान संतोष पटेल ने बताया कि लगभग 6 एकड़ में मूंग फसल बर्बादी की स्थिति में पहुंच गई है। दो एकड़ में फसल कटी रखी थी शेष 4 एकड़ में खड़ी फसल में पानी भर जाने से फलियां चटककर पुनः अंकुरित हो रही है। किसान निरंजन सिंह, सुनील पटेल, कीरत पटेल, चौ. देवेंद्र पटेल, अमित पटेल, अरविंद पटेल एवं महेंद्र पटेल ने बताया कि इस वर्ष मूंग की फसल बहुत अच्छी स्थिति में बनी थी और उपज भी अच्छी स्थिति में होना थी। अनुमान था कि हमारे खेतों की भी अच्छी उपज हाथ लगेगी। लेकिन बारिश ने अरमानों पर पानी फेर दिया है। किसान शासन से सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग कर रहे है।

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