Juda strike update: digi desk/BHN/ जबलपुर/ हड़ताल को अवैध घोषित करने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद जूडा की हड़ताल में नया मोड़ आ गया है। 30-30 लाख का बंध पत्र भरने के बाद ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन उनका इस्तीफा मंजूर करेगा। इस संकट में फंसे जूनियर डॉक्टरों ने भीख मांगने का मन बनाया है। दरअसल, जूनियर डॉक्टराें के बंध पत्र में लिखा है कि समय से पूर्व किसी भी परिस्थिति में त्यागपत्र देते समय स्नातकोत्तर छात्र को 30 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। डीन डॉ. प्रदीप कसार ने बताया कि बांड की रकम जमा होने के बाद ही इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है।
झोली फैलाकर मदद मांगेंगे
जूनियर डॉक्टर अब आम लोगों के सामने झोली फैलाकर मदद मांगेंगे। इधर, जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में पौधरोपण किया। इधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में हड़ताल की चेतावनी जारी कर चुका है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि मेडिकल छात्रों की शिक्षा में ही स्वजन की जमापूंजी खत्म हो चुकी है। ऐसे में वे बांड की राशि का इंतजाम कैसे करें। भीख मांगने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि सरकार व महाविद्यालय प्रशासन डरा धमकाकर आंदोलन खत्म करना चाहती है। जूडा का आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा।
यह है मामला
स्टायपेंड में मिलने वाली राशि बढ़ाए जाने समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर एक जून से प्रदेश व्यापी हड़ताल पर हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी हड़ताल जारी है। छात्रों की हड़ताल के कारण मेडिकल की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो गई हैं। जबकि मेडिकल में कोरोना के करीब 300 मरीज भर्ती हैं। ऐसे समय में सामान्य ड्यूटी के समय कोविड ड्यूटी से भी दूर होना पड़ा है। मेडिकल के वरिष्ठ चिकित्सकों पर मरीजों का भार आ गया है। जूनियर डॉक्टरों के साथ जूनियर व सीनियर रेसीडेंस के हड़ताल में शामिल हो जाने से हालात और बिगड़ गए हैं।