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भारत-इंग्लैंड श्रृंखला से नहीं खत्म होगा पटौदी नाम, सचिन ने उठाया ये ऐतिहासिक कदम

नई दिल्ली
दो देशों के बीच क्रिकेट सीरीज में खिलाड़ियों के नामों के इस्तेमाल करने की प्रथा रही है। खिलाड़ी के लिए सम्मान की बात होती है कि उसके नाम पर कोई सीरीज खेली जा रही है। भारतीय टीम इंग्लैंड पहुंची तो खबर आई कि पटौदी ट्रॉफी अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के नाम से जानी जाएगी। कोई और होता तो इसे स्वीकार करता और अपने नाम पर ट्रॉफी के ऐलान से खुश होता, लेकिन सचिन तेंदुलकर यूं ही नहीं महान हैं। उन्होंने बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इसे पटौदी के नाम को बचाने की कोशिश शुरू कर दी है।

महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के अधिकारियों से बात की है। यह बातचीत भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज में पटौदी ट्रॉफी की विरासत को बनाए रखने के लिए हुई। ईसीबी कथित तौर पर इस ट्रॉफी को रिटायर करना चाहता था। इसके बाद दोनों क्रिकेट बोर्ड ने मिलकर आगामी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर 'एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी' करने का फैसला किया था। इस फैसले की काफी आलोचना हुई।

पटौदी विरासत को बचाने के लिए आगे आए सचिन तेंदुलकर
तेंदुलकर ने खुद पटौदी विरासत को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया है। अब खबर है कि दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर एक मेडल जीतने वाली टीम के कप्तान को दिया जाएगा। ईसीबी के एक अधिकारी ने Cricbuzz को बताया- हां, इंग्लैंड-भारत सीरीज में पटौदी के नाम को बनाए रखने की योजना की पुष्टि हो गई है। इसका मतलब है कि पटौदी ट्रॉफी का नाम पूरी तरह से नहीं हटाया जाएगा। पहले इंग्लैंड में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच पटौदी ट्रॉफी के लिए खेले जाते थे। यह ट्रॉफी इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे, मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर थी।

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने किया था पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने का ऐलान
मार्च में ईसीबी ने पटौदी परिवार को पत्र लिखकर बताया था कि वे इस ट्रॉफी को रिटायर करना चाहते हैं। इस खबर से क्रिकेट प्रेमियों में निराशा थी। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान बल्लेबाजों में से एक हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 15,921 रन हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने 1989 से 2013 के बीच 200 टेस्ट मैच खेले। टेस्ट और ODI दोनों फॉर्मेट में उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं। जेम्स एंडरसन इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 704 विकेट हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज भी हैं।

पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, 42 वर्षीय एंडरसन इंग्लैंड के गेंदबाजी सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने लंकाशायर के साथ अनुबंध बढ़ाया है और अब काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं। सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन 14 टेस्ट मैचों में आमने-सामने आए। एंडरसन ने तेंदुलकर को नौ बार आउट किया है। किसी भी गेंदबाज ने तेंदुलकर को इतनी बार आउट नहीं किया है। इंग्लैंड अभी पटौदी ट्रॉफी का विजेता है। 2021 और 2022 में COVID-19 महामारी के कारण सीरीज 2-2 से बराबर रही थी, जिसके कारण इंग्लैंड ने ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी थी।

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