Friday , July 4 2025
Breaking News

सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी अब हाईकोर्ट के जजों का भी परफॉर्मेंस ऑडिट का समय…

नई दिल्ली
 सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि कुछ जज जरूरत से ज्यादा ब्रेक लेते हैं। कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज का ऑडिट करने की बात कही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही हैं। अब यह देखने का समय है कि उन पर कितना खर्च हो रहा है और वे कितना काम कर रहे हैं।

'हाई कोर्ट के जज ले रहे बहुत ब्रेक'
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने हाई कोर्ट के जजों के कामकाज पर टिप्पणी की। जस्टिस कांत ने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'कुछ जज बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन कुछ जज बेवजह कॉफी ब्रेक लेते हैं, कभी यह ब्रेक तो कभी वह ब्रेक। हम हाई कोर्ट के जजों के बारे में बहुत सारी शिकायतें सुन रहे हैं। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। हाई कोर्ट के जजों का प्रदर्शन कैसा है? हम कितना खर्च कर रहे हैं और आउटपुट क्या है? यह उच्च समय है कि हम एक प्रदर्शन ऑडिट करें।'

झारखंड हाई कोर्ट से जुड़ा है मामला
यह टिप्पणी चार लोगों की याचिका पर आई। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि झारखंड हाई कोर्ट ने 2022 में एक आपराधिक अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह अपील सजा और आजीवन कारावास के खिलाफ थी, लेकिन फैसला नहीं सुनाया गया। उनके वकील फौजिया शकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद हाई कोर्ट ने 5 और 6 मई को फैसला सुनाया। फैसले में चार में से तीन लोगों को बरी कर दिया गया। आखिरी मामले में अलग-अलग फैसला आया और इसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेज दिया गया। याचिकाकर्ता को जमानत मिल गई।

शकील ने कहा कि फैसले के बाद भी बरी किए गए लोगों को जेल से रिहा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने फैसले में यह नहीं बताया कि आदेश कब सुरक्षित रखा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और झारखंड सरकार के वकील को दोपहर के भोजन के ब्रेक से पहले उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा। कोर्ट ने मामले को दोपहर 2 बजे के बाद पोस्ट कर दिया। वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दोषियों को रिहा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट से रिहाई के आदेश नहीं मिलने के कारण देरी हुई।

'फैसले सुनाने की समयसीमा का पालन करना होगा'
बेंच ने कहा कि इस अदालत द्वारा पहले निर्धारित फैसले सुनाने की समयसीमा का पालन करना होगा। इसके साथ ही, इस अदालत द्वारा प्रस्तावित तंत्र का भी पालन करना होगा। बेंच ने रजिस्ट्री को हाई कोर्ट से डेटा एकत्र करने और मामले को जुलाई में पोस्ट करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा कि पहले जो समय तय किया गया था, फैसले सुनाने के लिए, उसका पालन करना होगा। कोर्ट एक तरीका भी बताएगा जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके। कोर्ट ने रजिस्ट्री को कहा कि वह सभी हाई कोर्ट से जानकारी जुटाए और मामले को जुलाई में फिर से सुनेगा।

 

About rishi pandit

Check Also

Su-30MKI फाइटर जेट अपग्रेड करने पर हजारों करोड़ खर्च करेगी

नई दिल्ली Su-30MKI Super-30 Project: पिछले 20-25 साल में डिफेंस सेक्‍टर में आमूलचूल बदलाव आए …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *