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हिन्दुओं के द्वारा कुटुम्ब और विवाह प्रणाली में हो रहे परिवर्तन के कारण हमारा अस्तित्व खतरे में: बागड़ा

रांची

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री बजरंग बागड़ा ने झारखंड के अधिवक्ताओं के साथ ग्रीन एक्रस होटल एअरपोर्ट रोड रांची में बैठक की। बागड़ा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष के हिन्दुओं ने साढ़े सात सौ वर्ष तक इस्लामिक शासन और दो सौ वर्षों का इसाई शासन को झेला, इसके बावजूद अपने अस्तित्व को बचा कर रखने में सफल रहा हैं। इसका मुख्य कारण हैं विवाह और कुटुम्ब प्रणाली परन्तु आज के मौजूदा दौर में हम हिन्दुओं के द्वारा कुटुम्ब और विवाह प्रणाली में हो रहे परिवर्तन के कारण हमारा अस्तित्व खतरे में है और यह हिन्दू समाज के नाश का कारण बन सकती है। अत: हमे अपनी गलतियों को समय रहते हर हाल में ठीक करना होगा।

बागड़ा झारखंड के दो दिवसीय प्रवास में बीते मंगलवार को रांची आए और विहिप से जुड़े अधिवक्ताओं और कार्यकर्ताओं को संबंधित किया। बागड़ा ने हिंदू परिवारों की कुटुंब प्रणाली और जनसंख्या नीति में आए कई बदलाओं पर चिंता जाहिर करते हुए, आग्रह किया कि यदि हिन्दू परिवार सामूहिकता की भावना को बढ़ावा नहीं दिया गया और जन्म दर को बढ़ाकर कम से कम तीन बच्चों का नहीं किया गया, तो हम हिंदुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने श्रीराम मंदिर से जुड़े अभियान की सफलता और प्रयाग राज के महाकुंभ में 66 लाख हिन्दुओं के भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों से विश्वभर में नई ऊर्जा की जागृति हुई है, परन्तु यह जागृति हमें सिर्फ धार्मिक आयोजनों एवं मंदिरों तक ही सीमित नहीं रखना है। ऐसी जागृति हम हिन्दुओं को अपने मूल जीवन बिंदु और जीवन दर्शन के क्षेत्र में भी खास तौर पर दिखाने की जरूरत है। हमारी विवाह प्रणाली पूरे दुनिया में अनूठी है, विवाह प्रणाली में कॉन्ट्रैक्ट का कोई स्थान नहीं है। मौजूदा दौर में देर से विवाह करने, विवाह के उपरांत सिर्फ एक या दो बच्चे पैदा करने आदि की वजह से हमारी सामूहिकता आधारित परिवार तथा कुटुंब प्रणाली को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा है।

बागड़ा ने कहा कि बच्चों की संख्या कम होने से परिवार की निरंतरता में कमी आई है। बच्चों में एकाकीपन बढ़ा है, जिससे उनके संतुलित विकास में कमी आई है। परिवार में बुजुर्गों के सम्मान और महती भूमिका कम होने से परिवार के अंदर संकट बढ़ गए हैं। उन्होंने उपरोक्त समस्याओं के राजनीतिक दुष्परिणाम के प्रति भी आगाह किया और कहा कि यदि हम अभी नहीं संभले, तो निकट कुछ वर्षों में हमारी जनसंख्या मुसलमानों से कम हो जाएगी। ऐसी स्थिति में हमारे वोट करने का प्रतिशत घटा, तो हम शासन प्रणाली में अपनी भागीदारी को गंवा बैठेंगे और हम पर अत्याचार बढ़ जाएगा। इस क्रम में उन्होंने भारतवर्ष से अलग हुए तीन राष्ट्रों क्रमश: अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू आबादी के घटने और वहां के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से सीख लेते हुए, उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होने के साथ साथ जनसंख्या बढ़ाने और कुटुंब प्रबोधन पर विशेष कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विहिप के क्षेत्र मंत्री वीरेन्द्र विमल, झारखंड प्रांत मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र, संयोजक रंगनाथ महतो, संगठन मंत्री देवी सिंह, विधि प्रकोष्ठ प्रांत प्रमुख व वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा, सेवानिवृत जज शिवपाल सिंह, विहिप प्रचार प्रसार प्रमुख प्रकाश रंजन, प्रांत टोली सदस्य अमरनाथ ठाकुर, अर्चक पुरोहित संपकर् प्रमुख जुगल किशोर, अधिवक्ता प्रदीप चौरसिया, रामराजा समेत, रांची महानगर मंत्री विश्व रंजन इसके अलावा झारखंड उच्च न्यायालय एवं सिविल कोर्ट रांची के अधिवक्ता ने इस बैठक में हिस्सा लिए।

 

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