Monday , June 16 2025
Breaking News

जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री में सारंग, धनुष तोप सहित एलएफजी को तेजी से बनाने का काम जारी

जबलपुर
 आयुध क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी और पुरानी गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) या आयुध निर्माणी ने भारतीय सेना की ताकत सारंग और धनुष तोप के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए इनके उत्पादन में तेजी ला दी है। जीसीएफ करीब आठ साल के लंबे इंतजार के बाद अब फिर से लाइट फील्ड गन (एलएफजी) का उत्पादन भी कर रही है।

जीसीएफ के पास इस वर्ष करीब 2300 करोड़ रुपये के आयुध उत्पादन का लक्ष्य है। इसमें टैंक टी-70 और टी-92 का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा सैन्य उपयोगी सारी प्रमुख गन के कलपुर्जे भी जीसीएफ बना रही है। फिलहाल सारंग, धनुष तोप सहित अन्य हथियारों के उत्पादन और आपूर्ति तय समय से पूर्व करने पर जोर दिया जा रहा है।

सैन्य सामान की यहीं से होती है आपूर्ति

जीसीएफ वर्ष 2010 के बाद से ही सारंग तोप, धनुष तोप और एलएफजी का उत्पादन करती रही है। विभिन्न सैन्य साजो-सामान के कलपुर्जे की आपूर्ति भी यहीं से होती रही है। भारतीय सेना की ताकत धनुष तोप आधुनिक दौर में और भी उन्नत व महत्वपूर्ण हो चली है। यह बोफोर्स का अपग्रेड वर्जन भी है।

इसकी तकनीक को जीसीएफ ने उन्नत किया और इसे स्वदेशी तकनीक के आधार पर विकसित किया गया। इसी तरह, हल्की होने के कारण एलएफजी का परिवहन हमेशा से आसान रहा है। बता दें, जीसीएफ की शुरुआत वर्ष 1904 में अंग्रेजों ने की थी। यह भारतीय सेना, सशस्त्र बलों की आयुध संबंधी जरूरतों को पूरा करती है।

इन हथियारों में यह है खास

धनुष तोप : धनुष तोप 40 से 42 किमी तक दूर स्थित निशाने को सटीक तरीके से भेद सकती है। पहाड़ियों पर या आमने-सामने के युद्ध में यह सेना की बड़ी ताकत है।

सारंग तोप : पहले जहां इसकी क्षमता 28 किमी दूर तक मार करने की थी। अब इसे बढ़ाकर 32 किमी तक कर लिया गया है।

About rishi pandit

Check Also

राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में हो रहे हर रोज नए खुलासे- पैसों के लिए नहीं, तीनों लड़कों ने इस वजह से मानी सोनम की बात

इंदौर इंदौर की राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *