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UPI हर महीने 25 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल ट्रांजेक्शन प्रॉसेस करता, अब सिर्फ 15 सेकेंड में होगा पेंमेट

नई दिल्ली

आप जो यूपीआई पेमेंट करते हैं, वह अब और तेज होने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आदेश के बाद अब सिर्फ 15 सेकंड में लेनदेन पूरा हो जाएगा। पहले इसमें 30 सेकंड लगते थे। यानी अब आपके मोबाइल से होने वाला लेदनेन 50 फीसदी फास्‍ट होने वाला है। 16 जून से यह प्रोसेस शुरू होने जा रहा है, जिसमें एपीआई रेस्‍पॉन्‍स टाइम की अहम भूमिका होगी। अभी तक लोगों को यूपीआई ऐप से पैसे भेजने में, क्‍यूआर कोड स्‍कैन करने में और लेनदेन की पुष्टि होने में इंतजार करना पड़ता है, जो कई बार काफी लंबा हो जाता है। एनपीसीआई ने इस देरी को कम करने का फैसला किया है।

क्‍या होता है API रेस्‍पॉन्‍स टाइम, जिसे कम किया जा रहा

API रेस्‍पॉन्‍स टाइम, उस समय को कहा जाता है, जिसमें एपीआई के लिए रिक्‍वेस्‍ट आती है, उसे प्रोसेस किया जाता है और रेस्‍पॉन्‍स वापस भेजने में जो टाइम लगता है। एपीआई का मतलब होता है एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस। यह रूल्‍स का एक सेट है, जिसके अनुसार सॉफ्टवेयर एक-दूसरे से कनेक्‍ट करते हैं। यूपीआई पेमेंट सिस्‍टम में इसका इस्‍तेमाल होता है।
कैसे काम करेगा सिस्‍टम, उदाहरण से समझिए

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, आप एक दुकान पर गए और आपने दुकानदार से एक हजार रुपये का सामान खरीदा। आप ICICI बैंक के iMobile ऐप से पेमेंट करते हैं। तो आप दुकानदार के QR कोड को स्कैन करेंगे। अब वह QR कोड HDFC बैंक अकाउंट से जुड़ा है। इस सिचुएशन में ICICI बैंक रिक्‍वेस्‍ट करेगा। व‍ह रिक्‍वेस्‍ट NPCI नेटवर्क के जरिए HDFC बैंक को जाएगी। पेमेंट हुआ या नहीं, यह जानने के लिए HDFC बैंक की ओर से रेस्‍पॉन्‍स भेजा जाएगा। जो फ‍िर से NPCI नेटवर्क से ICICI बैंक को आएगा। पहले इस काम में 30 सेकंड लग जाते थे। जून से इसमें 15 सेकंड लगने की उम्‍मीद है।

सिर्फ 15 सेकेंड में होगा पेमेंट
इस बदलाव के बाद अब रिक्वेस्ट पे और रिस्पॉन्स पे सर्विस का रिस्पॉन्स टाइम 30 सेकंड से घटाकर 15 सेकंड, चेक ट्रांजेक्शन स्टेटस और ट्रांजेक्शन रिवर्सल के लिए 10 सेकंड और वैलिडेट एड्रेस के लिए 10 सेकंड किया गया है. इस बदलाव का उद्देश्‍य पेमेंट प्रॉसेस में तेजी आए और यूपीआई के पोटेशियल में तेजी आए. ये बदलाव भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्‍टम के रूप में UPI की बढ़ती लोकप्रियता के कारण हैं.

इस ग्रोथ को समायोजित करने और यूजर्स के अनुभव में सुधार करने के लिए, NPCI ने बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (PSP) से नए प्रतिक्रिया समय का पालन करने के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करने को कहा है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन बदलाव का उद्देश्य लेनदेन की सफलता दरों से समझौता करना नहीं है.

जब यूपीआई पेमेंट में आई थी रुकावट
यह बदलाव ऐसे समय में आया है, जब यूपीआई को हाल ही में कई आउटेज का सामना करना पड़ा. 12 अप्रैल को एक बड़ी आउटेज आई, जिसमें कई ट्रांजेक्‍शन फेल हुए थे और यूजर्स को बड़ी समस्‍याओं का सामना करना पड़ा था. मार्च और अप्रैल में तीन बार 26 मार्च, 1 अप्रैल और 12 अप्रैल को भी रुकावट आई, जिससे लोगों को डिजिटल पेमेंट में काफी परेशानी हुई.

क्‍यों आया था आउटेज?
इन आउटेज को लेकर NPCI की जांच में यह सामने आया कि इन रुकावटों की बड़ी वजह चेक ट्रांजेक्शन API पर ज्यादा लोड थी. कुछ बैंकों के पुराने ट्रांजैक्शन के लिए बार-बार रिक्वेस्ट भेजे जा रहे थे, जिससे सिस्टम पर दबाव बढ़ा और प्रोसेसिंग धीमी हुई.

बेहतर होगा लोगों का अनुभव, फटाफट होंगे पेमेंट

एनपीसीआई, यूपीआई पेमेंट को फास्‍ट बनाना चाहती है। उसका मानना है कि नए बदलावों से लोगों का अनुभव और बेहतर होगा। एनपीसीआई ने फोनपे और पेटीएम जैसे बड़े प्‍लेयर्स से भी कहा है कि वो नए नियमों के अनुसार अपने सिस्‍टम को अपडेट कर लें। एनपीसीआई का सर्कुलर कहता है कि इन बदलावों का मकसद यूजर के ओवरऑल एक्‍सपीरियंस को बेहतर बनाना है। वह चाहती है कि यूपीआई पेमेंट का यूज करने वाले तमाम लोग झट से पेमेंट कर पाएं और उन्‍हें फटाफट से पैसा रिसीव हो। आने वाले दिनों में पता चलेगा कि यूपीआई का यह फैसला कितना कारगर साबित होता है।

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