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मध्य प्रदेश सरकार ने भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर वन्यजीव अभयारण्य की घोषणा …..

सागर
राज्य शासन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में एक अहम पर्यावरणीय निर्णय लेते हुए सागर जिले के 258.64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य’ के रूप में अधिसूचित किया है। यह प्रदेश का 25वां अभयारण्य होगा।

मध्य प्रदेश सरकार ने भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर वन्यजीव अभयारण्य की घोषणा की है। एक अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी दी। सरकार ने शुक्रवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर अभ्यारण्य के गठन के बारे में अधिसूचना जारी की। यह घोषणा 14 अप्रैल को मनाई जाने वाली अंबेडकर की 134वीं जयंती से पहले की गई है।

इसके साथ ही, बाघ अभयारण्यों के लिए मशहूर राज्य में 25 वन्यजीव अभयारण्य हो गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान में कहा कि नए अभयारण्य के बनने से संरक्षण प्रयासों को बल मिलेगा और वन एवं वन्यजीवों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के अलावा, नए अभयारण्य से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डॉ. भीमराव अंबेडकर अभ्यारण्य सागर जिले के उत्तर सागर वन प्रभाग, तहसील बंडा और शाहगढ़ वन के 258.64 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन क्षेत्र में फैला होगा। नए अभ्यारण्य की जानकारी संपर्क अधिकारी केके जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि अभयारण्य के गठन से वन एवं वन्य-प्राणियों का संरक्षण एवं संवर्धन होगा।

यह नया संरक्षित क्षेत्र उत्तर सागर वन मंडल की तहसील बंडा एवं शाहगढ़ के आरक्षित वन क्षेत्र को सम्मिलित करता है। अभयारण्य का उद्देश्य वन एवं वन्य-प्राणियों के संरक्षण और पारिस्थितिकीय संतुलन को सुदृढ़ बनाना है। इसके साथ ही, राज्य सरकार को उम्मीद है कि यह कदम पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करने की दिशा में यह कदम राज्य की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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