Wednesday , April 23 2025
Breaking News

राजस्थान में बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार योजना से जोड़ने, पहले चरण में 5 हजार गांव शामिल

जयपुर

राजस्थान में बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार योजना से जोड़ने के लिए राज्य सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना लेकर आई है। पहले चरण में यह योजना प्रदेश के सर्वाधिक वंचित 5 हजार गांवों में लागू होगी, जिस पर इस साल 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके तहत केन्द्र और राज्य सरकार की 102 योजनाओं के जरिए बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे परिवारों को एपीएल यानी गरीबी रेखा से ऊपर लाया जाएगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस बार वित्त और विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लिए इस योजना को लागू करने की घोषणा की थी। पंचायत राज व ग्रामीण विकास विभाग ने इस योजना को लागू करने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और एक अप्रैल यानी मंगलवार से यह योजना प्रदेश भर में लागू कर दी गई है। योजना में सबसे पहले उन गांवों का चुना जाएगा, जहां बीपीएल परिवारों की संख्या कम है।

बीपीएल जनगणना के अनुसार प्रदेश में अभी करीब 22 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। राज्य सरकार गरीबी मुक्त गांव योजना के जरिए इन परिवारों को गरीबी से ऊपर लेकर आएगी। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार की आजीविका सृजन व रोजगार की 14, महिला सशिक्तकरण की 16, वित्तीय समावेशन की 13 और सामाजिक सुरक्षा की 49 योजनाओं का सहारा लिया जाएगा।

हर परिवार पर लाख रुपए होंगे खर्च
योजना के तहत राज्य सरकार चिन्हित गांवों के बीपीएल परिवारों पर एक-एक लाख रुपए खर्च कर उन्हें स्वरोजगार और आजीविका उपार्जन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ेगी। ऐसे परिवारों की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को 15 हजार रुपए तक की वर्किंग कैपिटल भी दी जाएगी, ताकि ये परिवार खुद का कोई रोजगार कर आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पक्का मकान, शौचालय, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्तियां आदि योजनाओं से इन परिवारों को प्राथमिकता से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कोशिश यह रहेगी कि केन्द्र व राज्य सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना से बीपीएल परिवार वंचित ना रहे।

हर तीन महीने में लेंगे फीडबैक
योजना का हर तीन महीने में फीडबैक लिया जाएगा। साथ ही यह देखा जाएगा कि धरातल पर इस योजना का कितना असर आ रहा है। प्राथमिकता के आधार पर सरकारी योजनाओं से जोड़े गए बीपीएल परिवारों के जीवन में इससे क्या परिवर्तन आया है। इस इम्पेक्ट स्टडी के आधार पर ही यह तय किया जाएगा कि इस परिवार को आगे और किस तरह की जरूरत है और उसे कैसे पूरा किया जा सकता है।

21 हजार रुपये के साथ मिलेगा आत्मनिर्भर परिवार कार्ड
बीपीएल परिवार के लिए तय किए सामजिक और आर्थिक पैरामीटर्स में 15 पैरामीटर्स पूरे कर गरीबी रेखा से ऊपर आए परिवारों को सरकार की ओर से आत्मनिर्भर परिवार कार्ड दिया जाएगा और साथ में 21 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। हालांकि इन परिवारों को सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं किया जाएगा और जिन योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा था, वह जारी रहेगा।

परियोजना निदेशक और पदेन उपसचिव ओमकारेश्वर शर्मा का कहना है कि जिला कलेक्टरों द्वारा गांवों और परिवारों के सर्वे का काम इसी महीने पूरा कर लिया जाएगा। योजना का उद्देश्य बीपीएल परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और यदि वे किसी भी सरकारी योजना से वंचित हैं, उन्हें  प्राथमिकता से उस योजना से जोड़ना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

About rishi pandit

Check Also

जयपुर के युवक की पहलगाम के आतंकी हमले मौत, रात तक पहुंचेगा पार्थिव शरीर

जयपुर कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में जयपुर के नीरज उधवानी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *