Prime minister modi liked the public participation model mp: digi desk/BHN/भोपाल/ कोरोना महामारी प्रबंधन में मध्य प्रदेश के जन भागीदारी मॉडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर नगरीय निकायों में वार्ड स्तर तक आपदा प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है। इनमें पक्ष-विपक्ष के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जोड़ा गया है। यह जनता से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका है। जन-प्रतिनिधियों को जोड़कर उनकी ऊर्जा का उपयोग कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में कर सकते हैं। गांवों में कोरोना का सामना बिना जनशक्ति और जन-सहयोग के नहीं किया जा सकता। कोरोना के खिलाफ जंग में राजनीतिक दलों के लोगों को जोड़ने की दिशा में मध्य प्रदेश जैसा कार्य अन्य राज्य भी करें तो यह प्रभावी होगा।
प्रधानमंत्री मंगलवार को राज्यों और जिले के अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के दौरान उनके अनुभवों के बारे में वीडियो कांफ्रेंसिंग से संवाद कर रहे थे। इनमें वे जिले शामिल थे, जहां संक्रमण अधिक है। इसमें कलेक्टरों द्वारा अपनाई गई रणनीति, नवाचार और जिलों व राज्यों द्वारा अपनाई गई रणनीति की जानकारी भी दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसमें शामिल हुए। उन्होंने मध्य प्रदेश को मिले केंद्र सरकार के सहयोग को लेकर प्रधानमंत्री का आभार माना। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के समक्ष हुए बेस्ट प्रेक्टिसेस (रणनीति) के प्रस्तुतीकरण में मध्य प्रदेश का जन-भागीदारी मॉडल ही एक मात्र राज्य स्तरीय था, जबकि अन्य सभी बेस्ट प्रेक्टिसेस जिला स्तरीय थे।
यह है मध्य प्रदेश का जन भागीदारी मॉडल
- जन भागीदारी सुनिश्चित करने जिला, ब्लॉक, पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों का गठन किया। फैसले लेने में इससे आसानी हुई।
- जनता कर्फ्यू का क्रियान्वयन बहुत प्रभावी रहा। कोविड प्रबंधन और टीकाकरण में भी सहायता मिली।
- नगरीय क्षेत्र में माइक्रो कंटेनमेंट एरिया, बाजारों की व्यवस्था, औद्योगिक इकाइयों के सीमित संचालन और ग्रामीण स्तर पर जारी किल कोरोना अभियान, कोविड केयर सेंटर, स्टेप डाउन सेंटर तथा टीकाकरण जन भागीदारी से चलाया गया।