Thursday , May 15 2025
Breaking News

2 अप्रैल से भारत पर ट्रंप टैरिफ लागू किया जा सकता है, इसका असर कारों से लेकर जेनेरिक तक होने की संभावना है

वाशिंगटन
मार्च का महीना खत्म होने वाला है और अप्रैल महीने के दूसरे दिन यानी 2 अप्रैल से भारत पर ट्रंप टैरिफ लागू किया जा सकता है. इसका व्यापक असर कारों से लेकर जेनेरिक तक होने की संभावना है. आयातित ऑटो और पार्ट्स पर 25% शुल्क लगाना अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को पुनर्जीवित करने के ट्रंप के प्रयास का एक उदाहरण है. इसके अलावा फार्मा समेत कई सेक्टर पर रेसिप्रोकल टैरिफ का प्रभाव देखने को मिल सकता है और इसका असर शेयर पर भी दिख सकता है.

ऑटो से फार्मा सेक्टर तक फोकस में
डोनाल्ड ट्रम्प लंबे समय से भारत को टैरिफ किंग कहते रहे हैं और बीते दिनों उन्होंने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसके लिए 2 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई थी, जो बेहद नजदीक है. इसका असर देश के 31 अरब डॉलर के निर्यात पर देखने को मिल सकता है. कार-ऑटो पार्ट्स के साथ ही फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलपी सेक्टर्स इसे लेकर सबसे ज्यादा फोकस में हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में भारत का अमेरिका को कुल निर्यात 77.5 अरब डॉलर का रहा, जबकि अमेरिका का भारत को निर्यात 40.7 अरब डॉलर रहा. अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने 2000 से अब तक कुल 67.76 अरब डॉलर का FDI किया है.
 
सन फार्मा से सिप्ला तक पर रखे नजर
भारत के सबसे ज्यादा जोखिम वाले सेक्टर्स में से एक है, जबकि अमेरिका वर्तमान में फार्मा आयात पर न्यूनतम शुल्क लगाता है. लेकिन बात अगर भारत की करें, तो यहां अमेरिकी फार्मा प्रोडक्ट्स पर 10% टैरिफ लगाने से वह सीधे तौर पर रेसिप्रोकल टैरिफ के दायरे में आ जाता है. उद्योग समूहों ने चिंता जताते हुए कहा है कि अतिरिक्त लागत का बोझ डिस्ट्रीब्यूटर्स और जेनेरिक मैन्युफैक्चरर के लिए वहन करना मुश्किल होगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो इस सेक्टर पर शॉर्ट टर्म में कुछ व्यवधान की उम्मीद है. वहीं जिन सेक्टर्स पर फोकल रहेगा, उनमें Sun Pharma, Cipla, Lupin और Dr Reddy's Lab शामिल हैं.

ज्वेलरी सेक्टर के शेयरों पर दिखेगा असर
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) और Kaynes Tech जैसी कंपनियों के शेयर पर असर दिख सकता है, तो वहीं ज्वेलरी सेक्टर में मालाबार गोल्ड (Malabar Gold), रेनेसां ज्वेलरी, राजेश एक्सपोर्ट्स (Rajesh Exports) और कल्याण ज्वेलर्स (Kalyan Jewellers) समेत कई भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में मौजूदगी बढ़ रही है और रेसिप्रोकल टैरिफ के चलते इसने शेयर पर प्रभाव देखने को मिल सकता है. वहीं आईटी सेक्टर को लेकर भी एक्सपर्ट्स सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि अगर व्यापार तनाव बढ़ता है और अमेरिका में ग्राहक खर्च कम होता है, तो Infosys और TCS जैसी कंपनियों की फाइनेंशियल हेल्थ पर विपरीत असर दिख सकता है.

नोमुरा का ये है कहना
भारत पर ट्रंप टैरिफ की तारीख नजदीक आने के बीच नोमुरा (Nomura) के इकोनॉमिस्ट्स ने कहा है कि भारत ने अपने कुछ समकक्ष देशों की तुलना में ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के प्रति अधिक समझौतापूर्ण रुख अपना रहा है. उन्होंने कहा है कि हालांकि BTA यानी  Bilateral Trade Agreement का अच्छा असर दिखने में कुछ समय लगेगा, लेकिन हम इसे एक उत्साहजनक संकेत के रूप में देखते हैं. यह संकेत देता है कि, जबकि भारत अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के सीधे निशाने पर है और बीटीए भारत पर ऐसे किसी भी शुल्क के प्रभाव को कम कर सकता है.

About rishi pandit

Check Also

अमेरिका ने तुर्की को 304 मिलियन डॉलर की मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दी, PAK का साथ देने वाले तुर्की की कर रहा मदद

वॉशिंगटन अमेरिका ने तुर्की को 304 मिलियन डॉलर की मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दे …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *