Friday , May 30 2025
Breaking News

आरजी कर मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई से केस मांगी डायरी

 

कोलकाता

आरजीकर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच से संबंधित केस डायरी अगली सुनवाई पर पेश करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई ये यह भी पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी अपनी जांच में सामूहिक दुष्कर्म या मामले में सबूतों को नष्ट किए जाने की संभावना के एंगल पर भी जांच कर रही है।

वहीं, मृतका के परिजन और मामले में याचिकाकर्ता ने इस दौरान अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल करते समय सीबीआई ने कहा था कि अपराध में बड़ी साजिश शामिल थी। ऐसे में उन्होंने मामले की आगे की जांच के लिए प्रार्थना की।

जिस पर न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं की प्रार्थनाओं पर जांच के वर्तमान चरण और सीबीआई द्वारा पेश की जाने वाली केस डायरी को देखने के बाद विचार किया जाएगा। उन्होंने सीबीआई को अगली सुनवाई की तारीख 28 मार्च को केस डायरी पेश करने का भी निर्देश दिया।

इसके अतिरिक्त, न्यायमूर्ति घोष ने सीबीआई के वकील से अदालत को यह भी बताने को कहा कि क्या एजेंसी अपनी आगे की जांच में सामूहिक बलात्कार या सबूतों के विनाश की संभावना की जांच कर रही है।

पूर्व नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को पीड़िता के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जनवरी में रॉय को दोषी करार देते हुए सत्र न्यायालय ने उसे उसके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

न्यायमूर्ति घोष ने उप महाधिवक्ता (डीएसजी) को यह साफ करने का निर्देश दिया कि क्या सीबीआई ने कभी भी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 70 (सामूहिक बलात्कार) के तहत अपराध की जांच करने पर विचार किया था। चूंकि इस मामले में एक व्यक्ति को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। ऐसे में न्यायमूर्ति घोष ने आगे पूछा कि क्या सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में इस बात पर विचार किया था कि अपराध एक अकेले अपराधी द्वारा किया गया था या यह सामूहिक दुष्कर्म का मामला था।  

इससे पहले, याचिकाकर्ताओं के वकील ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी मामले की जांच में रुचि नगीं दिखा रही है। उन्होंने न्यायालय से सीबीआई से अपनी आगे की जांच पर प्रगति रिपोर्ट मांगने का भी आग्रह किया। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने कहा कि राज्य को आगे की जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्होंने इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा कि क्या कानून किसी आरोपी को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद ऐसी जांच की अनुमति देता है। बनर्जी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ट्रायल कोर्ट को मुकदमे के समापन के बाद आगे की जांच की अनुमति देने का अधिकार है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई ने बेहद धीमी गति से मामले की जांच की है। इस पर डीएसजी ने इस दावे का विरोध करते हुए तर्क दिया कि एजेंसी के खिलाफ कोई भी अनुचित आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए।

About rishi pandit

Check Also

‘आतंकियों के मरने पर शोक क्यों जताया’,शशि थरूर ने कोलंबिया को दिखाई नाराजगी, पाकिस्तान को लेकर जताई आपत्ती

नई दिल्ली कांग्रेस सांसद इस समय कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में हैं. वह आतंकवाद के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *