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बांग्लादेश में एक आठ वर्ष की बच्ची के साथ रेप की घटना के बाद लोगों को गुस्सा भड़क उठा, देश भर में विरोध प्रदर्शन

ढाका
बांग्लादेश में एक आठ वर्ष की बच्ची के साथ रेप की घटना के बाद लोगों को गुस्सा भड़क उठा है। देश में भर में लोगों ने रविवार को सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, यह दुखद घटना बुधवार को तब हुई जब बच्ची मगुरा में अपनी बड़ी बहन के घर गई थी। बहन के ससुर ने इस अपराध को अंजाम दिया। बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची को गंभीर चोटें आईं और उसे पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया, उसके बाद उसे अधिक देखभाल के लिए सीएमएच अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक बहन के पति ने कथित तौर पर अपराध में सहयोग किया। उन्होंने बताया कि बलात्कारी की पत्नी और बड़े बेटे को भी घटना की जानकारी थी और बाद में उन्होंने इसे छुपाने के लिए बच्ची को मारने का भी प्रयास किया।

पीड़िता की बहन के ससुर, पति, सास और देवर को आरोपी बनाया गया और पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है। घटना के विरोध में ढाका विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने रविवार को परिसर में विरोध रैली निकाली। यूनिवर्सिटी टीचर्स नेटवर्क की ओर से आयोजित यह प्रदर्शन सुबह 11:00 बजे प्रतिष्ठित अपराजियो बांग्ला मूर्ति के नीचे शुरू हुआ और रैली सुबह 11:45 बजे शुरू हुई। राजशाही में, राजशाही यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों ने अपनी कक्षाओं और परीक्षाओं का बहिष्कार किया, ढाका-राजशाही राजमार्ग को लगभग आधे घंटे तक ब्लॉक कर दिया गया। छात्रों ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यौन हिंसा के अपराधियों के लिए त्वरित कार्रवाई और कठोर दंड की मांग की। कुश्तिया में इस्लामिक यूनिवर्सिटी (आईयू) में भी विरोध प्रदर्शन हुए। छात्रों ने यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार के पास खुलना-कुश्तिया राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। देश के प्रमुख दैनिक द ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रदर्शन दोपहर में यूनिवर्सिटी के बोटाटोला क्षेत्र से शुरू हुए विरोध मार्च के बाद हुआ।

छात्रों ने ऐसे जघन्य अपराधों के आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग की। इस बीच, बांग्लादेश में पिछले पांच दशकों से बाल संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' ने मगुरा की घटना की निंदा की। 'सेव द चिल्ड्रन' ने एक बयान में चिंताजनक आंकड़ों पर प्रकाश डाला, जिसमें बताया गया कि इस साल 2,362 महिलाओं और लड़कियों को हिंसा का सामना करना पड़ा है, जिनमें 1,036 बच्चे शामिल हैं। बांग्लादेश में 'सेव द चिल्ड्रन' के कंट्री डायरेक्टर शुमोन सेनगुप्ता ने व्यवस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "हम इस भयानक अपराध की पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों पर तुरंत मुकदमा चलाया जाए। हिंसा के लगभग 40 प्रतिशत पीड़ित बच्चे हैं, इसलिए उनकी, विशेष रूप से छोटी लड़कियों की सुरक्षा के लिए तत्काल सुधार जरूरी हैं।" मोहम्मदू यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने आश्वासन दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आरोपियों को सजा मिले। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे जघन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेही से बचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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