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Fake Remdesivir: बैच नं.246039-ए वाला ‘रेमडेसिविर’ लगाया था, तड़प-तड़पकर मर गया भाई

Fake Remdesivir Injection:digi desk/BHN/ बैंक से रिटायर्ड मेरे भाई प्रमोद पाटिल को शाम 5 बजे दो रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए थे। 11 बजे उन्हें स्ट्रोक आया और तड़प-तड़कर उनकी जान चली गई। देर रात डाक्टर ने बताया संभवत: उन्हें लगाए गए इंजेक्शन नकली थे। मानवता के दुश्मनों ने मेरे भाई की जान ले ली। गुलाब बाग कालोनी निवासी रवींद्र पाटिल की सोमवार रात विजयनगर थाना टीआइ तहजीब काजी को बयान देते-देते आंख भर आईं। वे भतीजे विक्की के साथ थाने पहुंचे थे। उन्होंने बताया फेफड़ों में संक्रमण के चलते भाई को 27 अप्रैल को यूनिवर्सल अस्पताल, रिंग रोड में भर्ती करवाया था।

डाक्टरों ने बताया उन्हें तत्काल रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना होगा। इंटरनेट मीडिया पर मदद मांगी और परिचित संदीप के माध्यम से एक छात्र (शुक्ला) से संपर्क हुआ। उसने बताया कि वह सुनील मिश्रा से इंजेक्शन दिलवा सकता है। संदीप ने तत्काल 16 हजार रुपये शुक्ला के खाते में ट्रांसफर किए और दो रेमडेसिविर इंजेक्शन ले लिए। इंजेक्शन लगाते वक्त भी डाक्टर को शक हुआ था, लेकिन हमारे पास विश्वास करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सहमति जताने पर डाक्टर ने पहला डोज लगा दिया।

जैसे-जैसे समय बीतता गया वे तड़पने लगे और दम तोड़ दिया। टीआइ के मुताबिक प्रमोद को बैच नं.246039-ए वाला ही इंजेक्शन लगाया था। पुलिस को छात्र शुक्ला के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं, लेकिन मोबाइल नंबर मिल गए हैं। वह मोबाइल बंद कर फरार है। पुलिस ने आरोपित सुनील मिश्रा और दवा माफिया वोराशाह सहित अन्य आरोपितों की काल डिटेल भी निकाली है। जांच में शामिल अफसरों का दावा है कि काल डिटेल में दवा बाजार के दवा व्यवसायी और डाक्टरों के नंबर भी हैं।

तीन हिरासत में : क्राइम ब्रांच ने रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में तीन युवकों को हिरासत में लिया है। इनमें एक एबीवीपी का नेता भी है। साथ ही रेमडेसिविर मामलों की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है।

खातों में लाखों का ट्रांजेक्शन

पुलिस ने आरोपित दिनेश चौधरी, सुनील मिश्रा, असीम भाले और धीरज साजनानी के बैंक खाते खंगाले तो उनमें लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन मिला। ये रुपये जनता कर्फ्यू के दौरान ही आए हैं। इससे साफ हो गया कि आरोपित कोरोना फैलने के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने लगे थे। आरोपितों ने एक मध्यस्थ के माध्यम से देवास में भी करीब 100 इंजेक्शन पहुंचाए हैं।

हवाला के जरिए लेनदेन

सुनील मिश्रा सूरत से कौशल वोरा और पुनित शाह से इंजेक्शन की दो खेप लाया था। एक बार शाह और वोरा इंदौर आए थे। दूसरी बार उसने इंजेक्शन मंगवाए थे। उसे 1700 रुपये प्रति इंजेक्शन मिलते थे। लेनदेन हवाला के माध्यम से करता था। पुलिस को छावनी क्षेत्र के एक हवाला कारोबारी की जानकारी भी मिली है।

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