Vaishakh Amavasya 2021:digi desk/BHN/ पौराणिक मान्यता के अनुसार वैशाख मास में आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है। इस बार वैशाख अमावस्या 11 मई दिन मंगलवार को है। ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक इस बार वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व है। इस बार वैशाख अमावस्या मंगलवार दिन होने के कारण इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है। इसी प्रकार सोमवार के दिन पड़ने पर इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने, पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म करने और दान देने की प्रथा है। ऐसा करने से पुण्य फल मिलता। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या तिथि, स्नान मुहूर्त और शुभ योग के बारे में..
वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के मुताबिक वैशाख मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 10 मई दिन सोमवार को रात 09.55 मिनट पर हो रहा है, जो 11 मई दिन मंगलवार को रात 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में वैशाख अमावस्या 11 मई को ही मनाई जाएगी।
वैशाख अमावस्या पर बन रहें 3 विशेष योग
- – इस बार वैशाख अमावस्या के दिन तीन विशेष योग बन रहे हैं। इस दिन सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहा है।
- – 11 मई को सौभाग्य योग रात 10.43 मिनट तक रहेगा। उसके ठीक बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा।
- – इन दो विशेष योग के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। 11 मई को रात 11.31 मिनट से अगले दिन 12 मई को प्रात: 05.32 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
- – ये तीनों योग ही काफी महत्वपूर्ण हैं। सौभाग्य योग भाग्य में वृद्धि का कारक होता है, शोभन योग शुभता प्रदान करता हैं।
वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व
वैशाख अमावस्या को पितरों के मोक्ष के लिए उत्तम माना जाता है। इस अमावस्या पर नदी में स्नान करने के बाद पितरों का पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्माएं तृप्त होती हैं, उन्हें मोक्ष की प्रात्ति होती है और वे अपने वंश को वृद्धि के लिए आर्शीवाद देते हैं। अमावस्या की उदया तिथि 11 मई को प्राप्त हो रही है, ऐसे में वैशाख अमावस्या का स्नान 11 मई को प्रात: होगा।