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महाकुंभ 2025 में संगम तीरे तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य पीओके की मुक्ति के लिए अनुष्ठान करेंगे

लखनऊ
 संगम तीरे लगा द्वादशवर्षीय महाकुंभ न केवल धार्मिक स्‍नान और जुटान के लिए जाना जाएगा, बल्कि इस दौरान पीओके मुक्ति से लेकर सनातन बोर्ड के गठन तक की बात भी होगी। सरकार का दावा है कि इस बार पूरे महाकुंभ के दौरान तकरीबन 45 करोड़ श्रद्धालु पहुंचेंगे।

तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य के शिविर में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को मुक्त करवाने के लिए अनुष्ठान की तैयारी है। शिविर का मुख्य द्वार अयोध्या के श्रीराम मंदिर के मुख्य द्वार की तर्ज पर बनाया गया है। शिविर में 250 हवन कुंड बनाए गए हैं। वताया जा रहा है कि शिविर के भव्य निर्माण के लिए कोलकाता से कारीगर आए थे। महाकुंभ मेले के दौरान 1008 बार यज्ञ होगा। इसमें पीओके की मुक्ति के लिए आहुतियां डाली जाएंगी।

स्वामी रामभद्राचार्य पहले ही पीओके के भारत में शामिल किए जाने के पक्षधर रहे हैं। वह कई वार इसकी खुले मंच से घोषणा भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पीओके जल्द ही भारत के हिस्से में आएगा। पीओके से पाकिस्तान का कब्जा खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि वह दिन दूर नहीं जव दुनिया के नक्शे से पाकिस्तान का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा। स्वामी रामभद्राचार्य के शिविर में केवल पीओके के लिए यज्ञ ही नहीं होगा वल्कि वह राम कथा भी सुनाएगे। अन्य धार्मिक आयोजन उनके शिविर में होंगे।

मथुरा पर भी हो सकती है बात

महाकुंभ के दौरान 27 जनवरी को धर्म संसद आयोजित करवाने की भी तैयारी है, इसमें सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव पास करवाकर सरकार को भेजा जाएगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी बताते हैं कि चारों पीतों के शंकराचार्य, 13 अखाड़ों के प्रमुख, साधु-संत, महामंडलेश्वर और मठ-मंदिरों के प्रमुखों से सनातन बोर्ड के प्रारूप को लेकर चर्चा होगी। सबकी सहमति से इसे पास करवाया जाएगा। हम चाहते है कि मंदिरों पर न तो सरकार का कब्जा हो और न ही कोई अन्य करे। धर्म संसद में अन्य तमाम बिंदुओं पर भी चर्चा होगी। विषयों की रूपरेखा अभी तय की जा रही है। सूत्र बताते है कि अयोध्या के बाद काशी और मथुरा को लेकर भी धर्म संसद में बात हो सकती है।

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