Saturday , July 5 2025
Breaking News

Remedicivir: रामबाण न समझें रेमडेसिविर को, असर कारक है इसका कोई प्रमाण नहीं

Remedicivir Injection:digi desk/BHN/ जहां एक ओर रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग लगातार सामने आ रही है। वहीं, राज्य के चिकित्सा विशेषज्ञों का साफ कहना है कि यह इंजेक्शन कोई रामबाण नहीं है। रेमडेसिविर कोरोना मरीज को लगने के बाद इसका असर बेहतर हो रहा है या नहीं। अब तक इसका भी कोई प्रमाण नहीं है। बावजूद इसे मरीजों के लिए धड़ल्ले से लिखा जा रहा है।

चिकित्सकों ने बताया कि यह इंजेक्शन एंटीवायरल ड्रग है। परिस्थितियों को देखते सेंट्रल ड्रग एंड स्टेंडर्ड कंट्रोल अथारिटी आर्गनाइजेशन ने ट्रायल की अनुमति दी गई है। कोरोना मरीजों के लिए इसे सिर्फ विकल्प के रूप में रखा गया है। यह सिर्फ गंभीर और अतिगंभीर मरीजों को ही लगाया जाना है।

क्या है रेमडेसिविर

यह एंटीवायरल ड्रग है। जिसे अमेरिका की दवा कंपनी मिलियड साइंसेज ने बताया है। इसका उपयोग कोरोना मरीजों के लिए के लिए किया जा रहा है। इसे प्रभावी रूप से मान्यता नहीं मिली है। डब्ल्यूएचओ ने भी रेमडेसिविर से कोरोना का सटीक इलाज नहीं माना है।

रेमडेसिविर को लेकर विशेषज्ञों की राय

1. रेमडेसिविर को सेंट्रल ड्रग आर्गनाइजेशन ने परिस्थितियों को देखते हुए ट्रायल की अनुमति दी है। गंभीर मरीजों की स्थिति को देखते हुए इसे लगाया जा रहा है। एम्स ने इसे विकल्प के रूप में रखा है। इसके लिए चिकित्सकों की टीम भी बनाई गई है। जरूरत पर ही दिया जाता है। कितना कारगर है। इसका अभी कोई प्रमाण नहीं है।

-डाक्टर अजाॅय बेहरा, नोडल अधिकारी (कोरोना), एम्स रायपुर

2. यह एक्सपेरिमेंटल ड्रग है। इसे देना जरूरी नहीं है। जरूरत पड़ने पर गंभीर मरीजों को शुरू के 10 दिन के भीतर यदि दें तो कारगर होने की संभावना रहती है। यह कोरोना के लिए काम की दवा है या नहीं इसका अब तक कोई प्रमाणिकता नहीं है।

-डाक्टर ओपी सुंदरानी, नोडल अधिकारी (कोरोना), आंबेडकर अस्पताल

3. रेमडेसिविर ट्रायल बेस पर है। गंभीर या अतिगंभीर मरीज को 10 दिनों के भीतर देने पर हो सकता है। उसकी स्थिति में सुधार हो। लेकिन इसकी गारंटी भी नहीं है। इसे रामबाण न समझें। उपयोग के बाद यह मरीजों के किडनी और लीवर को क्षति पहुंचाने की आशंका को बढ़ा देता है।

-डाक्टर महेश सिन्हा, अध्यक्ष, आइएमए छत्तीसगढ़

रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों से नहीं मंगाएंगे अस्पताल

रेमडेसिविर इंजेक्शन बाहर न मिलने के बावजूद अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों के स्वजनों को पर्ची लिखकर बाहर से लाने के लिए कहा जा रहा था। चूंकि इसकी आपूर्ति प्रशासन की देखरेख में अस्पतालों को सीधे की जा रही है। समस्या को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है। इसमें अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन स्वजनों से मंगाने की बजाय खुद इंतजाम करना होगा। जिन मरीजों को इंजेक्शन लगाया जाना है। इसकी जानकारी भी अस्पतालों को प्रशासन को देना है। वहीं, मरीजों के स्वजनों से बिना शपथ पत्र भरवाएं इसे नहीं लगा सकेंगे।

About rishi pandit

Check Also

होली के त्योहार पर आउटफिट का चुनाव बेहद खास होता है, पहनें ये स्टाइलिश आउटफिट्स, लगेंगे खूबसूरत

नई दिल्ली होली के त्योहार पर आउटफिट का चुनाव बेहद खास होता है क्योंकि इस …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *