नई दिल्ली
भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया था. वो चेस के नए और सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन बन गए थे. डी गुकेश ने फाइनल में चीन के चेस मास्टर डिंग लिरेन (Ding Liren) को पराजित किया था. खिताबी मुकाबले में डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया था.
पीएम मोदी ने गुकेश की जमकर तारीफ की
अब 18 वर्षीय डी गुकेश ने 28 दिसंबर (शनिवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. गुकेश के माता-पिता भी इस दौरान साथ में आए हुए थे. पीएम मोदी ने डी गुकेश की स्वर्णिम उपलब्धियों की सराहना की. गुकेश ने इस दौरान पीएम को चेस बोर्ड भी गिफ्ट किया, जिसपर वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप का फाइनल खेला गया था और गुकेश ने जीत हासिल की थी.
पीएम मोदी ने लिखा, 'शतरंज चैम्पियन और भारत के गौरव गुकेश के साथ शानदार बातचीत हुई. मैं पिछले कुछ सालों से उनसे बातचीत कर रहा हू. उनके बारे में जो बात मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह है उनका दृढ़ संकल्प और समर्पण. उनका आत्मविश्वास वाकई प्रेरणादायक है. मुझे कुछ साल पहले का उनका एक वीडियो याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि वो सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन बनेंगे. एक भविष्यवाणी जो अब उनके अपने प्रयासों की बदौलत सच साबित हुई है.'
पीएम मोदी कहते हैं, 'आत्मविश्वास के साथ-साथ गुकेश में शांति और विनम्रता भी है. जीत के बाद वह शांत थे, अपनी इस उपलब्धि में डूबे हुए थे और पूरी तरह से समझ रहे थे कि इस कठिन जीत को कैसे प्रोसेस किया जाए. आज हमारी बातचीत योग और ध्यान की परिवर्तनकारी क्षमता के इर्द-गिर्द घूमती रही.'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'हर एथलीट की सफलता में उनके माता-पिता की अहम भूमिका होती है. मैंने गुकेश के माता-पिता की सराहना की कि उन्होंने हर मुश्किल परिस्थिति में उनका साथ दिया. उनका समर्पण उन युवाओं के माता-पिता को प्रेरित करेगा, जो खेल को करियर के रूप में अपनाने का सपना देखते हैं.'
पीएम मोदी ने आखिर में कहा, 'मुझे गुकेश से उस मुकाबले का चेस बोर्ड पाकर भी बहुत खुशी हुई, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की थी. इस चेस बोर्ड पर उनके और डिंग लिरेन दोनों के हस्ताक्षर हैं. यह एक अनमोल स्मृति है.'
डी गुकेश ने तोड़ा था इस दिग्गज का रिकॉर्ड
डी गुकेश शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन हैं. गुकेश से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चेस चैम्पियन थे, जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था. साथ ही वो एक रिकॉर्ड के मामले में विश्वनाथन आनंद के क्लब में भी शामिल हो गए. दरअसल, गुकेश वर्ल्ड चेस चैम्पियन बनने वाले भारत के दूसरे प्लेयर बन गए. जबकि विश्वनाथन पहले भारतीय हैं. 5 बार के वर्ल्ड चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था.