Saturday , December 28 2024
Breaking News

महाकाल मंदिर में वीआइपी दर्शन करने के नाम पर वसूलते थे 1100 से लेकर 3 हजार रुपये , दो गए जेल

उज्जैन

महाकाल मंदिर में दर्शन और भस्म आरती घोटाले में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गुरुवार को उन्हें जेल भेज दिया और इसी मामले में 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज किया है। अब इन आरोपियों से पूछताछ होगी तो और भी नाम सामने आ सकते हैं।

बता दें कि महाकाल मंदिर में दर्शन और भस्मआरती में शामिल होने वाले दर्शनार्थियों से अवैध वसूली का गोरखधंधा कई सालों से चल रहा था। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों महाकाल मंदिर में भस्म आरती और दर्शन के नाम पर दर्शनार्थियों से अवैध वसूली की शिकायत सामने आई थीं। जांच की गई तो परत-दर-परत दर्शन के नाम पर वसूली का बड़ा स्कैम सामने आया। सबसे पहले पुलिस ने नंदी हॉल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

पहले तो आरोपियों ने पुलिस के सामने कुछ नहीं कबूला, बोले कलेक्टर साहब के सामने ही अपने बयान देंगे। इस पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने स्वयं महाकाल थाने पहुंचकर आरोपियों के बयान दर्ज किए। इसी पूछताछ में दोनों आरोपियों ने और भी कई नाम कबूले जो दर्शनार्थियों से ठगी के इस मामले में भागीदार हैं। पुलिस ने राकेश श्रीवास्तव और विनोद चौकसे को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

एसपी ने बताया दर्शन घोटाले के इस मामले में 6 नाम और सामने आए हैं, जिनमें आईटी सेल प्रभारी राजकुमार सिंह, सभा मंडप प्रभारी राजेंद्र सिसौदिया, प्रोटोकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव, भस्मआरती प्रभारी रितेश शर्मा सहित क्रिस्टल कंपनी के जितेंद्र पंवार और ओमप्रकाश माली हैं। पुलिस ने राजकुमार, अभिषेक, राजेंद्र और जितेंद्र को दोपहर में गिरफ्तार कर लिया। वहीं, रितेश शर्मा और ओमप्रकाश माली को ड्यूटी पर आने के बाद हिरासत में लिया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 और अमानत में खयानत की धारा 406 के तहत अपराध दर्ज किया है।

क्या है भस्म आरती दर्शन घोटाला
महाकाल बाबा की भस्मआरती में शामिल होने के लिए सामान्य दर्शनार्थियों के अलावा वीआईपी कोटा निर्धारित किया गया है। इसके लिए विशेष अनुमति दी जाती है। यह अनुमति वरिष्ठ अधिकारियों के अनुमोदन के बाद स्वीकृत की जाती है। आरोप है कि ये लोग भस्मआरती की परमिशन बेचते थे। मसलन भस्मआरती की स्वीकृति के लिए जहां महाकाल मंदिर में एक दर्शनार्थी की 200 रुपये की रसीद काटी जाती है। वहीं ये लोग दर्शनार्थियों से वीआईपी दर्शन के नाम पर 1100 रुपये से लेकर 3-3 हजार रुपये तक की वसूली करते थे।

विनोद और राकेश को जेल भेजा
महाकाल मंदिर दर्शन घोटाले में सबसे पहले पकड़ाए सफाई प्रभारी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव की रिमांड अवधि पूर्ण हो गई। पुलिस ने दोनों को दोपहर के बाद न्यायालय में पेश कर दिया था। न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

कस्टडी में लिये गये कर्मचारियों की सैलरी 32 से 35 हजार
कस्टडी में लिये गये मंदिर समिति के चार कर्मचारियों की सैलरी 32 से 35 हजार बताई जा रही है। इस मुकाबले यदि इनकी सैलरी के मुताबिक गणना की जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है। साथ ही इनकी संपत्ति की जांच भी पुलिस ईओडब्ल्यू से कराए तो मामला पूरी तरह से साफ हो सकता है।

About rishi pandit

Check Also

ब्लाक कांग्रेस चितरंगी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी गई श्रद्धांजलि

चितरंगी ब्लाक कांग्रेस कमेटी चितरंगी द्वारा आर्थिक सुधार के पुरोद्ध,महान अर्थशास्त्री,सरल स्वभाव के धनी, आजीवन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *