मुंबई
भारतीय शेयर बाजार को अमेरिकी फेड रिजर्व की तरफ से लिया गया फैसला रास नहीं आया. इसका असर अमेरिकी बाजार के साथ घरेलू स्टॉक मार्केट में भी दिखाई दिया. फेड रिजर्व की तरफ से अगले साल ब्याज दर में कम कटौती का संकेत दिये जाने के बाद दुनियाभर के बाजार में गिरावट देखी गई. इसके बाद आज सुबह सेंसेक्स और निफ्टी शुरुआती कारोबार में टूट गए. बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1100 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 79,029.08 अंक पर आ गया. वहीं एनएसई निफ्टी 328.55 अंक फिसलकर 23,870.30 अंक पर देखा गया. इससे निवेशकों को शुरुआती कुछ ही मिनटों में 6 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.
वहीं इसका असर गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में भी देखने को मिल रहा है. Sensex 1100 अंक से ज्यादा टूटकर खुला, जबकि निफ्टी 400 अंक से ज्यादा टूटकर ओपेन हुआ. हालांकि कुछ देर बाद स्थिति थोड़ी संभली हुई दिखाई दी. सेंसेक्स अभी 917 अंक गिरकर 79,238.08 पर कारोबार कर रहा है. वहीं Nifty50 283 अंक गिरकर 23,914.95 पर कारोबार कर रहा है. बैंक निफ्टी में 744 अंक की गिरावट आई है.
BSE सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों में से दो शेयरों को छोड़कर सभी शेयर गिरावट पर हैं. सबसे ज्यादा गिरावट इंफोसिस के शेयरों में 3 फीसदी की आई है. वहीं निफ्टी के 47 शेयर दबाव में कारोबार कर रहे हैं. जबकि 3 शेयर उछाल पर हैं. टाटा कंज्यूमर और डॉ. रेड्डी के शेयरों में तेजी देखी जा रही है.
इन 10 शेयरों में बड़ी गिरावट
एशियन पेंट्स के शेयर (Asian Paints Share) 2 फीसदी से ज्यादा टूटकर कारोबार कर रहे हैं. वहीं इंफोसिस (Infosys Share) में 3 फीसदी, टीसीएस, एचसीएल, महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक के शेयरों में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है. स्मॉल और मिड कैप में त्रिवेणी टरबाइन, फाइव स्टार बिजनेस, सोनाटा सॉफ्टवेयर, भारती हेक्साकॉम, नायका, कोचिन शिपयार्ड के शेयर करीब 3 फीसदी तक गिरकर कारोबार कर रहे हैं.
क्यों टूटा शेयर बाजार?
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने कहा कि रेट कटौती अभी और होने का अनुमान है, जिस कारण बाजार का मूड खराब हुआ और फेड की कमेंट्री से बाजार डर गया. बुधवार की कॉमेंट्री से साल 2025 में सिर्फ 2 बार कटौती के संकेत मिले है. वहीं, महंगाई पर अभी और सख्ती की जरूरत सेंट्रल बैंक ने कही है. जिस कारण भारतीय शेयर बाजार भी दबाव महसूस कर रहा है.
निवेशकों को तगड़ा नुकसान
कल बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन 452 लाख करोड़ रुपये था, जो आज बड़ी गिरावट के बाद घटकर 448 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. यानी मार्केट कैप में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट आई है. इसका मतलब है कि निवेशकों के वैल्यूवेशन में 4 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है.