COVID19 Suo Motu Case:digi desk/BHN/ देश में कोरोना महामारी के बिगड़ते हालात का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। खासतौर पर कोरोना वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख रुख अनपाया और पूछा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार क्या कर रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ ने कहा, देश में हालात बहुत चिंताजनक है। यही कारण है कि हमें दखल देना पड़ रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रोम कोर्ट को बताया कि हालात का उच्चतम स्तर पर काम किया जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात पर नजर रखे हुए हैं। इस पर जस्टिस एस रवींद्र चंद ने पूछा, संकट से निपटने के लिए आपकी राष्ट्रीय योजना क्या है? क्या इससे निपटने के लिए टीकाकरण मुख्य विकल्प है? टीके की कीमत पर सरकार क्या कर रही है? यह राष्ट्रीय आपता नहीं है तो क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकना नहीं है। हाईकोर्ट स्थानीय हालात को बेहतर समझ सकते हैं। राष्ट्रीय मुद्दे पर हमारा दखल देना जरूरी था. हम राज्यों के बीच समन्वय बैठाने का काम करेंगे।
बंगाल में पाजिटिव रिपोर्ट पर ही मिलेगी आक्सीजन
देशभर में आक्सीजन की कमी को लेकर मचे हाहाकार के बीच बंगाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब कोविड पाजिटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दवा दुकानों से आक्सीजन की खरीदारी हो सकेगी। आक्सीजन की कालाबाजारी और बेवजह इसकी खरीदारी कर घर में रखने की मची होड़ पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
झारखंड के अस्पतालों में होने लगी आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था
कोरोना संकट के दौरान आक्सीजन की किल्लत ने झारखंड के अस्पतालों को एक बड़ा सबक दिया है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए ज्यादातर अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था नहीं थी। अब यह व्यवस्था होने लगी है। सरकार के स्तर पर भी इसके प्रयास हो रहे हैं। अभी राज्य में बेड, आक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।