नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वो प्रदेश को बर्बादी की राह पर धकेल रही हैं। अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने एक आंकड़ा भी साझा किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पोस्ट में कहा, “अगर मुख्यमंत्रियों के लिए ‘हॉल ऑफ शेम’ हो तो सबसे शीर्ष पर ममता बनर्जी का नाम आएगा।” भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल से जुड़े कुछ चौंकाने वाले आंकड़े साझा करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल भारत में लगभग 67 फीसद केरोसिन की खपत करता है और यह स्थिति एलपीजी के पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद बनी हुई है।”
उन्होंने सवाल उठाया, “क्या कारण हो सकता है? गरीबी, कालाबाजारी या बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी, सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए वोट बैंक के रूप में दोगुना हो रहे हैं?” उन्होंने आगे कहा, “कारण चाहे जो भी हो। लेकिन, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि ममता बनर्जी अपने पीछे एक बर्बाद राज्य छोड़ रही हैं।” उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद समिक भट्टाचार्य ने राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी से इस मुद्दे को लेकर सवाल पूछे थे। अमित मालवीय ने इसी को आधार बनाकर अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर प्रतिक्रिया दी।
दरअसल, भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने सवाल किया था कि क्या पश्चिम बंगाल देश में सबसे अधिक मात्रा में केरोसिन की खपत करता है? क्या मंत्रालय को पश्चिम बंगाल में केरोसिन के दुरुपयोग और कालाबाजारी की जानकारी है? क्या सरकार ने इस दावे का संज्ञान लिया है कि केरोसिन का सेवन बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा किया जाता है? इस तरह के दुरुपयोग को रोकने और इच्छित लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और वितरण में सुधार के लिए क्या उपाय लागू किए जा रहे हैं और ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में केरोसिन निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक, स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने वाली पहल क्या हैं?
इन सभी सवालों के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री मंत्री सुरेश गोपी ने लिखित जवाब दिया था । जिसमें उन्होंने विस्तारपूर्वक भाजपा सांसद के सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “भारत सरकार खाना पकाने के उद्देश्य से तिमाही आधार पर पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को “सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मिट्टी के तेल का आवंटन करती है। वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पीडीएस एसकेओ का आवंटन अनुबंध में दिया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “वर्ष 2023-24 के दौरान, पश्चिम बंगाल राज्य को 7,04,016 केएल पीडीएस एसकेओ आवंटित किया गया था, जो देश भर के राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को किए गए 10,60,524 केएल के कुल आवंटन का 66.38 फीसदी है। भारत सरकार ने समय-समय पर संशोधित केरोसिन (उपयोग पर प्रतिबंध और अधिकतम कीमत का निर्धारण) आदेश 1993 जारी किया है, जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केरोसिन की बिक्री केवल खाना पकाने और रोशनी के प्रयोजनों के लिए पात्र उपभोक्ताओं तक सीमित कर दी गई है। कीमत सरकार या सरकारी तेल कंपनियों द्वारा तय की जाती है। पीडीएस नेटवर्क के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के भीतर पीडीएस केरोसिन का वितरण पश्चिम बंगाल राज्य सहित संबंधित राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जाता है।”