Wednesday , December 18 2024
Breaking News

त्रिपुरा में बांग्लादेश उच्चायोग किया बंद, बांग्लादेशी नागरिकों को इलाज और होटल में कमरा नहीं, बड़ा फैसला

अगरतला

बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ते दिन पर दिन कड़वे होते जा रहे हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार को देखते हुए भारत के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले. इस बीच त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग ने सुरक्षा कारणों से अपनी सभी सेवाएं अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चायोग के ही एक अधिकारी ने सेवाएं बंद करने की जानकारी दी है. बांग्लादेश की ओर से यह कदम उसके देश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध के बाद उठाया गया है. कथित तौर पर कुछ लोगों का एक ग्रुप अगरतला स्थिति बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में जबरन घुसने की कोशिश की थी.

अगले आदेश तक सभी सेवाएं सस्पेंड

बांग्लादेश मिशन के प्रथम सचिव एमडी अल अमीन ने कहा कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए अगरतला स्थिति सहायक उच्चायोग की वीजा समेत सभी सेवाएं अगले आदेश तक के लिए सस्पेंड कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर जबरन घुसने के मामले में पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है. इसके साथ-साथ घटना में शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इसके बाद भी बांग्लादेश उच्चायोग ने अगरतला में अपनी सेवाओं को सस्पेंड करना का फैसला किया है.
त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला

त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से लगती है. ऐसे में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं. भारत ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के परिसर में जबरन घुसने की घटना को बेहद खेदजनक बताया है.

पश्चिमी त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने बताया कि काम मे लापरवाही बरतने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि तीन उपनिरीक्षकों को निलंबित किया गया है और एक पुलिस उपाधीक्षक को पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

बांग्लादेश उच्चायोग ने क्या कहा?

बांग्लादेश मिशन के प्रथम सचिव एम.डी. अल-अमीन ने कहा, 'सुरक्षा स्थिति को देखते हुए अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग की वीजा समेत सभी सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित रहेंगी। यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा।'

 

त्रिपुरा सीएम ने की घटना की निंदा

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने घटना की निंदा करते हुए कहा, 'विरोध रैली के दौरान युवाओं के एक समूह ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग कार्यालय में घुसने की कोशिश की। मैं घटना की निंदा करता हूं। शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।'

 

होटल असोसिएशन का बड़ा फैसला

इससे संबंधित घटनाक्रम में ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स असोसिएशन (एटीएचआरओए) ने भी बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में होटल बांग्लादेशी मेहमानों को वहां भारतीय ध्वज के अपमान के कारण अपनी सेवाएं नहीं देंगे। एटीएचआरओए के महासचिव सैकत बंद्योपाध्याय ने कहा कि यह आपातकालीन बैठक में लिया गया है।

असोसिएशन के महासचिव ने कहा, 'हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है और अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के एक वर्ग के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। पहले भी ऐसी घटनाएं होती थीं, लेकिन अब यह सीमा पार कर गई है।'

 

नॉर्थ ईस्ट में लगातार विरोध

इस बीच, असम सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। सनातनी युवा के बैनर तले हजारों लोग अगरतला में एकत्र हुए और दास की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए रैली निकाली। उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का भी विरोध किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अखौरा एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि पुलिस ने उन्हें बांग्लादेश मार्च आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी।

 

 

About rishi pandit

Check Also

भारत के 7 राजनीतिक मुद्दे जिन्होंने इस साल को बनाया खास, लोकसभा चुनाव से लेकर विदेश नीति तक सभी ये मुद्दे

नई दिल्ली 2024 का साल भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों और घटनाओं से भरा रहा। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *