Monday , February 3 2025
Breaking News

Sagar University में धूमधाम से मनाई जाएगी डॉ. हरिसिंह गौर की 155वीं जयंती, तैयारियों में जुटा विश्वविद्यालय

सागर

सागर शहर ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड के लिए डाॅ. हरिसिंह गौर की जयंती किसी उत्सव से कम नहीं होती है। सागर जिले में जहां उन्होंने अपने जीवन की जमा पूंजी दान कर यूनिवर्सिटी की स्थापना की। वहां पर सार्वजनिक अवकाश के साथ सुबह से ही गौर जयंती पर एक से बढ़कर एक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इसी कड़ी में इस बार सुखद संयोग बना है कि गौर जयंती के साथ ही सेंट्रल जोन के यूथ फेस्टिवल का आयोजन करने का मौका सागर यूनिवर्सिटी को मिला है। ये यूथ फेस्टिवल भी 26 नवंबर को गौर जयंती के साथ शुरू होगा।

डाॅ. हरिसिंह गौर के जन्मदिन पर परंपरा है कि यूनिवर्सिटी में उनकी जयंती मनाए जाने के पहले गौर मूर्ति पर माल्यार्पण कर प्रभात फेरी निकलती है। इसमें शहर के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विश्वविद्यालय परिवार और बड़ा संख्या में स्थानीय लोग शामिल होते हैं। सभी यूनिवर्सिटी में डाॅ. गौर की समाधि तक पैदल जाते हैं, जहां श्रृद्धाजंलि अर्पित करने के बाद मुख्य कार्यक्रम आयोजित होता है। इस बार दोपहर में विशाल रैली निकलेगी, जिसमें यूथ फेस्टिवल में पहुंचने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए नाचते गाते जाएंगे। वहीं, स्थानीय सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाएं भी शामिल होंगी और कार्निवाल की माहौल होगा।

यह है तैयारी
सागर यूनिवर्सिटी के सांस्कृतिक संयोजक डाॅ. राकेश सोनी बताते हैं, हम लोगों के पितामह की 155वीं जयंती पर हम लोग गौर गौरव उत्सव करने जा रहे हैं। इसमें सेंट्रल जोन के 12 से 15 सौ छात्र कलाकार यूथ फेस्टिवल में शिरकत करेंगे। इस अवसर पर 26 नवंबर को दोपहर दो बजे गौर मूर्ति से रैली निकलने वाली है, जिसमें सभी सहभागी छात्र पारंपरिक वेशभूषा में अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए चलेंगे। जहां तक बुंदेली परंपरा की बात करें तो यहां के लोकनृत्य, लोकगीत देखने सुनने मिलेंगे। हमारी ग्रामीण अंचल की महिलाएं डॉ. गौर के जन्मदिन पर सोहर गाएंगी, उनके जन्मदिन पर ये नया प्रयोग है।

बुंदेली परंपरा के साथ जन्मदिन

डॉ. हरीसिंह गौर जयंती को बुंदेली परम्परा के अनुसार मनाया जाएगा. दरअसल, बुंदेलखंड में किसी शिशु के जन्म लेने पर ननिहाल पक्ष जो उपहार लेकर पहुंचता है, उसे 'पच' कहते हैं. तो यहां के लोग 500 किताबें पच में लेकर पहुंचेंगे. वहीं बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाएं 'सोहर' गाएंगी और ग्रामीण इलाकों में शिशु के जन्म पर आयोजित होने वाले गनता (जन्मोत्सव) में बुंदेली राई नृत्य भी देखने मिलेगा.

डॉ. हरी सिंह गौर की 155वीं जयंती

सागर शहर ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड के लिए डाॅ. सर हरीसिंह गौर की जयंती किसी उत्सव से कम नहीं होती है. सागर जहां उन्होंने अपने जीवन की जमापूंजी दान करके यूनिवर्सटी की स्थापना की वहां पर सार्वजनिक अवकाश के साथ सुबह से ही गौर जयंती पर एक से बढ़कर एक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इसी कड़ी में इस बार सुखद संयोग बना है कि गौर जयंती के साथ ही सेंट्रल जोन के यूथ फेस्टिवल का आयोजन करने का मौका सागर यूनिवर्सटी को मिला है. ये यूथ फेस्टिवल भी 26 नवम्बर को गौर जयंती के साथ शुरू होगा.

About rishi pandit

Check Also

विधायक सतीश मालवीय के बड़े भाई ने उज्जैन में अपने बेटे को मारी गोली, पुलिस ने किया गिरफ्तार

उज्जैन  मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक बड़ी घटना घटी है। भाजपा विधायक सतीश मालवीय …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *