जयपुर.
नरेश मीणा की गिरफ्तारी अब जातिगत गोलबंदी का रूप लेती जा हरी है। उनके समर्थक अब मीणा समाज के नेताओं को फोन कर समर्थन की मांग कर रहे हैं। इसके कई वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं। वहीं नरेश के समर्थन में मीणा समाज की तरफ से आज देवली-उनियारा सहित कई जगहों पर रैलियां निकाली जा रही हैं।
रैलियों में जो पोस्टर लहराए जा रहे हैं उनमें नरेश मीणा को भगत सिंह की तरह पेश किया जा रहा है। यही नहीं उनके समर्थन में स्थानीय भाषा में गाने भी तैयार किए जा रहे हैं। प्रशासन के लिए अब यह ट्रेंड बड़ी मुश्किल खड़ी कर रहा है। शुक्रवार को नरेश को उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। मजिस्ट्रेट ने नरेश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
नरेश के खिलाफ 10 धाराओं में केस
नरेश के खिलाफ पुलिस ने 10 अगल-अलग धाराओं में मुकदमें दर्ज किए हैं। इसके अलावा उनके पूर्व के मुदकमों पर भी अब गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मौजूदा घटनाक्रम में नरेश मीणा के खिलाफ हत्या का प्रयास और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी बड़ी धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर कई अधिवक्ता अब नरेश के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कह रहे हैं।
एसडीएम पर भी उठ रहे सवाल
पूरे घटनाक्रम में एसडीएम की कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ऑन कैमरा एसडीएम अमित चौधरी ने यह स्वीकार किया है कि जिला कलेक्टर के कहने पर उन्होंने कुछ लोगों को समरावता में वोट डालने के लिए कहा था। चुनाव से जुड़े विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एसडीएम ने चुनावी नियमों के बाहर जाकर यह काम किया है इसके लिए वे दोषी हैं।