नई दिल्ली.
दिल्ली में पिछले साल विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 88,628 मौतों में से लगभग 24 फीसदी हैजा, दस्त, टीबी और हेपेटाइटिस-बी समेत अन्य संक्रामक एवं परजीवी रोगों की वजह से हुईं। दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से जारी 'द मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ्स' (एमसीसीडी) रिपोर्ट-2023 में कहा गया है कि दिल्ली में पिछले साल कुल 88,628 मौतें अस्पतालों या स्वास्थ्य संस्थानों में हुईं। इनमें से लगभग 21,000 लोगों की जान संक्रामक एवं परजीवी रोगों की वजह से गई।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में कैंसर और अन्य संबंधित बीमारियों के कारण अस्पतालों में 6,054 मौतें हुईं। यह आंकड़ा साल 2022 में रिकॉर्ड की गई कैंसर और अन्य संबंधित बीमारियों के कारण हुईं 5,409 मौतों से लगभग 12 फीसदी ज्यादा है। साल 2023 में शिशुओं के मामले में सबसे ज्यादा मौतें (1,517) भ्रूण के धीमे विकास और कुपोषण के कारण हुईं। इसमें कहा गया है कि निमोनिया ने 1,373, सेप्टीसीमिया ने 1,109 और हाइपोक्सिया, जन्म के समय सांस नहीं चलना और श्वास संबंधी अन्य विकारों ने 704 शिशुओं की जान ली।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में सबसे ज्यादा मौतें 45 से 64 साल के उम्र वालों की हुईं। इसमें बताया गया है कि पिछले साल हुई कुल मौतों में 32.28 फीसदी यानी 28,611 मृतक इस आयु वर्ग के, जबकि 29.44 प्रतिशत यानी 26,096 मृतक 65 साल और उससे अधिक उम्र के थे।