Tuesday , December 3 2024
Breaking News

मंत्री अनिल विज की दिल्ली परिक्रमा और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के राजनीतिक मायने क्या

चंडीगढ़
हरियाणा में बीजेपी की राजनीति के पिछले करीब चार दशक से प्रमुख चेहरे हरियाणा के सबसे सीनियर विधायक परिवहन, ऊर्जा और श्रम मंत्री अनिल विज की दिल्ली परिक्रमा और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के राजनीतिक मायने राजनीतिक समीक्षक निकालने में लगे हुए हैं। अनिल विज भाजपा सरकार में 2014 में, 2019 में व अब 2024 में कैबिनेट मंत्री के पद पर हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनिल विज का सामन्जसय कोई नया नहीं है। लाल चौक कश्मीर में जब भाजपा के तत्कालीन नेता तिरंगा झंडा लहराने के लिए जा रहे थे, उस यात्रा में नरेंद्र मोदी के साथ अनिल विज का लगाव सबने देखा था।

अनिल विज हरियाणा के उन राजनीतिक लोगों में से एक है, जो अपने संबंधों का ढींढोरा पिटने के आदि नहीं है। चार दशक से अधिक लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाले अनिल विज भाजपा की हैट्रिक लगने के बाद सत्ता पक्ष में एक मात्र ऐसे विधायक और मंत्री है, जो हरियाणा के बहुत सारे लोग जब उनसे मिलने आते हैं तो उन्हें उनका नाम लेकर संबोधित करते हैं। आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और जनसंघ की पृष्ठभूमि से जुड़े अनिल विज ने भाजपा की राजनीति की बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। हरियाणा की विधानसभा में जब भाजपा के दो व चार विधायक हुआ करते थे, उस समय भी अनिल विज विधायक थे और विपक्ष के विधायक के रूप में सदन के भीतर इनकी आक्रामक भूमिका सबने देखी है।

छात्र राजनीति से की शुरूआत
15 मार्च 1953 को जन्मे अनिल विज राजनीति में आने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा में थे। अनिल विज ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जरिए छात्र राजनीति में कदम रखा। वह एसडी कॉलेज, अंबाला कैंट में पढ़ते हुए राजनीति में एक्टिव रहे। 1970 में एबीवीपी ने अनिल विज को महासचिव बनाया। अनिल विज ने विश्व हिंदू परिषद, भारत विकास परिषद बीएमएस और ऐसे अन्य संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम किया। अनिल विज 1974 में भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी करने लगे लेकिन बीजेपी से जुड़े रहे।

सुषमा स्वराज की जगह लड़े उपचुनाव
1990 में जब सुषमा स्वराज राज्यसभा के लिए चुनी गईं तो अंबाला छावनी की सीट खाली हो गई। अनिल विज ने बैंक की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सुषमा स्वराज की सीट से उपचुनाव लड़े। अनिल विज यह उपचुनाव जीत गए। करीब 34 साल पहले 27 मई 1990 को तत्कालीन सातवीं हरियाणा विधानसभा में दो रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उस समय ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री हुआ करते थे। तब दडवा कला हलके से जनता दल की टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अंबाला कैंट से अनिल कुमार विज विधायक निर्वाचित हुए थे। तब अनिल विज की आयु 37 वर्ष की थी। बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अनिल विज 2019 में हुए 14वीं विधानसभा के चुनाव में लगातार तीसरी बार और कुल छठी बार अंबाला छावनी से चुनाव जीते थे।

About rishi pandit

Check Also

आप पार्टी के विधायक को कुरान के अपमान की सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा उत्तरी कुरान के सम्मान में

नई दिल्ली आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक को कुरान के अपमान की सजा सुनाए …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *