रांची
झारखंड में जहां एक ओर इंडिया और एनडीए गठबंधन पूरी ताकत लगाकर चुनाव लड़ने में लगी है, वहीं दूसरी ओर राजनैतिक दलों को अपने, बागी और निर्दलीय उनकी टेंशन बढ़ा रहे हैं। हालांकि चुनाव की इस वेला में नामाकंन वापस लेने की आखिरी तारीख निकलने के बाद बीजेपी-कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों ने बागियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उन्हें दंडित किया है।
एक तरफ जहां कांग्रेस ने अपने तीन नेताओं को पार्टी से बाहर किया है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी खासी ताताद में अपने लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। मंगलवार को बीजेपी ने 30 असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया। ये तमाम ऐसे चेहरे थे, जिन्होंने पार्टी के अधिकारिक प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी ताल ठोकने की जुर्रत की थी। पार्टी से निकाले गए नेताओं में से कुछ पार्टी में अहम पदों पर भी थे।
बीजेपी के कई बड़े नेताओं के खिलाफ कार्रवाई
इस लिस्ट में कर्नल संजय सिंह, पुष्परंजन, चंद्रमा कुमारी, विनोद सिंह, लक्ष्मी देवी पलामू, कुमकुम देवी, हर्ष अजमेरा, सुरेंद्र मोदी, बटेश्वर मेहता, बांके बिहारी हजारीबाग और जूली यादव दुमका शािमल हैं। इसके अलावा बलवंत सिंह, संतोष पासवान लातेहार, मिसिर कुजूर गुमला, अरविंद सिंह खरसावां, चितरंजन साव बोकारो, हजारी प्रसाद साहू, रामावतार केरकेट्टा रांची ग्रामीण और मिस्त्री सोरेन को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
बीजेपी ने शिवचरण महतो, मुकेश कुमार शुक्ला पाकुड़, राजकुमार सिंह, विमल बैठा, विकास सिंह जमशेदपुर महानगर, रामदेव हेम्ब्रम पूर्वी सिंहभूम, रामेश्वर उरांव लोहरदगा, शिवशंकर बड़ाइक खूंटी, शिव शंकर सिंह जमशेदपुर, उपेंद्र यादव गढ़वा, उमेश भारती चतरा के खिलाफ कार्रवाई की हैं।
कांग्रेस ने तीन बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की
जबकि कांग्रेस ने जिन तीन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया, उनमें देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह पांकी से, मुनेश्वर उरांव लातेहार से और इसराफिल अंसारी को गोमिया से चुनावी मैदान में थे। प्रदेश अध्यक्ष कमलेश महतो ने इन तीनों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित करने का फैसला किया।
एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए अपनों ने बढ़ाई चुनौती
कई सीटों पर अपने ही चुनौती बढ़ाते दिख रहे हैं। इनमें खासकर कर इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला दिख रहा है। मसलन धनवर सीट पर राज्य के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ जेएमएम व सीपीआई- एमल दोनों ने अपने कैंडिडेट उतारे हैं।
जेएमए ने निजामुद्दीन अंसारी को तो सीपीआई- एमएल ने राजकुमार यादव को टिकट दिया है। माना जा रहा कि यहां इंडिया गठबंधन का वोट बंटेगा। हालांकि इसी सीट से बाबूलाल मरांडी के सामने एक निर्दलीय निरंजन राय भी मैदान में हैं, लेकिन यह डमी उम्मीदवार माने जा रहे हैं, जो मरांडी से नाराज भूमिहार वोटों में सेंध लगा सकें और ये वोट इंडिया गठबंधन की ओर न जाएं।
विश्रामपुर और छतरपुर में कांग्रेस-आरजेडी आमने-सामने
इसी तरह पलामू के बिश्रामपुर सीट से भी कांग्रेस और आरजेडी आमने सामने मैदान में हैं तो वहीं छतरपुर सीट पर भी दोनों दलों के उम्मीदवार मैदान में हैं। माना जा रहा है कि अपने ही सहयोगी दलों के उम्मीदवार अपनों का ही खेल खराब कर रहे हैं। इतना ही नहीं, राज्य में कई शहरी सीटें जैसे रांची, हजारीबाग, हटिया में बीजेपी के बागी ही निर्दलीय होकर पार्टी का टेंशन बढ़ा रहे हैं।