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शमी का ना होना भारत के लिए झटका, लेकिन बाकी गेंदबाजों को कमतर नहीं मानेंगे : मैकडोनाल्ड

नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड का मानना है कि मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति भारत के लिए बड़ा नुकसान है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीम शमी के स्थान पर आने वाले गेंदबाजों को हल्के में नहीं लेगी। उन्होंने 2021 में गाबा टेस्ट में भारत की जीत का उदाहरण दिया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच महत्वपूर्ण बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज 22 नवंबर से पर्थ में शुरू हो रही है।

शमी पिछले साल वनडे विश्व कप के बाद से एड़ी की चोट के कारण खेल से बाहर हैं, जिसके लिए इस साल सर्जरी करानी पड़ी थी। लेकिन उम्मीद है कि शमी बेंगलुरु और इंदौर में बंगाल के दो रणजी ट्रॉफी मैचों में अपनी फिटनेस साबित करने के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे के दूसरे हिस्से में भारतीय टीम में शामिल हो सकते हैं।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पिछली दो बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती हैं, जो 2018/19 और 2020/21 में हुई थी। मैकडोनाल्ड ने कहा, “मोहम्मद शमी का न होना एक बड़ा नुकसान हैं। हमारे बल्लेबाज उनकी निरंतरता, लाइन और लेंथ की बात करते हैं। बुमराह के साथ उनकी जोड़ी की कमी खलेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन पिछले बार हमने देखा कि भारतीय टीम के पास बैकअप थे जिन्होंने काम किया। इसलिए उन्हें बिल्कुल भी कम नहीं आंका जा सकता।” भारत के पास फिलहाल शमी की गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ही अनुभवी तेज गेंदबाज हैं। सिराज की हालिया फॉर्म हालांकि चिंता का विषय रही है।

कोच ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया को युवा ओपनर सैम कोंस्टास को भारत के खिलाफ टेस्ट खेलने में कोई परेशानी नहीं होगी अगर चयन समिति को लगता है कि वह उनके सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन में फिट बैठते हैं। कोंस्टास ने इस महीने न्यू साउथ वेल्स के लिए शेफील्ड शील्ड में दो शतक लगाए हैं। मैकडोनाल्ड ने कहा, “हम यहां और अब के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम चुन रहे हैं, और अगर इसमें एक युवा खिलाड़ी शामिल है, तो हम उस दिशा में जाएंगे।”

उन्होंने यह भी कहा, “अगर खिलाड़ी तैयार हैं, तो हमें उन्हें खेलने से नहीं रोकना चाहिए। भारत एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी है, लेकिन पहले टेस्ट गर्मियों में खेलना हमेशा फायदेमंद होता है क्योंकि खिलाड़ी के लिए परिस्थितियां परिचित हैं। इसलिए उनको घर में प्रदर्शन करने के लिए इससे बेहतर मौका और क्या होगा।”

 

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