Tuesday , October 22 2024
Breaking News

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने एक्स हैंडल पर उत्तराखंड के चमोली में मुसलमानों के सामूहिक बहिष्कार पर भड़के

नई दिल्ली
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने एक्स हैंडल पर उत्तराखंड के चमोली में मुसलमानों के सामूहिक बहिष्कार की खबर साझा की है। उन्होंने कहा कि चमोली में 15 मुस्लिम परिवारों को 31 दिसंबर तक इलाके छोड़ने की धमकी दी गई है। व्यापारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई मकान मालिक मुसलमानों को घर देगा, तो उन्हें 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या चमोली के मुसलमानों को समानता और सम्मान से जीने का अधिकार नहीं है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वही राज्य है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात की जा रही है।

मोदी का विदेशी संबंध और स्थानीय मुद्दे
ओवैसी ने यह सवाल उठाकर भारतीय राजनीति में सामाजिक समानता और धार्मिक सामंजस्य के मुद्दे को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। उनका तर्क है कि जब मोदी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अरब शेखों के साथ घनिष्ठता दिखा सकते हैं, तो घरेलू स्तर पर चमोली के मुसलमानों को सम्मान और सुरक्षा क्यों नहीं मिलनी चाहिए?

उत्तर प्रदेश उपचुनाव की रणनीति
असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों के लिए अपनी पार्टी का गठबंधन घोषित किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी AIMIM डॉ. पल्लवी पटेल के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी, जो कि अपना दल (कमेरावादी) का हिस्सा हैं। ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी सीटों पर डॉ. पटेल का निर्णय मान्य होगा। इस गठबंधन से यह संकेत मिलता है कि ओवैसी चुनाव में प्रभावी रूप से भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं और सामूहिक रूप से बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाना चाहते हैं।
 
सत्ताधारी दलों के बीच की प्रतिस्पर्धा
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद, आगामी उपचुनाव का नतीजा अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच की प्रतिस्पर्धा को लेकर महत्वपूर्ण होगा। दोनों नेता अपने-अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे, ताकि यह साबित हो सके कि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में अधिक प्रभावशाली है। यह उपचुनाव न केवल क्षेत्रीय राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा, बल्कि यह भी दर्शाएगा कि किस पार्टी की लोकप्रियता वास्तव में जनता के बीच मजबूत है। ओवैसी की पार्टी AIMIM भी इस राजनीतिक महासमर में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे यह मुकाबला और भी रोचक बन जाता है।
 
ओवैसी का चुनावी माहौल
हालांकि, असदुद्दीन ओवैसी के लिए उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। उन्होंने आगामी उपचुनावों में दो सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जबकि बाकी सीटों के चयन का फैसला डॉ. पल्लवी पटेल पर निर्भर करेगा। उनका यह चुनावी रुख स्पष्ट करता है कि ओवैसी मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और राजनीतिक स्थिति को लेकर गंभीर हैं। वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक मजबूत रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि मुसलमानों की आवाज को प्रमुखता से उठाया जा सके और उनकी राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके। इस चुनाव में उनकी सक्रियता यह दर्शाती है कि वे उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटर को एकजुट करने और राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

About rishi pandit

Check Also

मोदी का कजान में PM भव्य स्वागत, सम्मान में रूसियों ने हिन्दी में गाया कृष्ण भजन

कज़ान  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *