Tuesday , October 22 2024
Breaking News

महिला ने कोर्ट में मामला दायर कर अपने और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता देने की मांग

बिलासपुर

शादीशुदा एक व्यक्ति ने सब कुछ छिपाकर एक महिला के लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। रिलेशनशिप के दौरान एक बेटी का जन्म हुआ। तब तक उसने अपनी शादी, पत्नी और तीन बेटियों की जानकारी को छिपाए रखा।

इसी बीच रिलेशनशिप में रहने वाली महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति शराब के नशे में उसके साथ मारपीट करता है। महिला ने कोर्ट में मामला दायर कर अपने और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता देने की मांग की।
मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने महिला के आवेदन को स्वीकार करते हुए गुजारा भत्ता देने का आदेश जारी किया। ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनोती देते हुते पति ने हाई कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुते गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।

क्या है मामला
मनेंद्रगढ़ में रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला के ट्रायल कोर्ट में मामला दायर कर बताया कि वर्ष 2015 में वन विभाग में कार्यरत राजेंद्र से उसकी शादी हुई थी। इससे उनकी बेटी हुई। महिला का आरोप है कि शादी के बाद पति हमेशा शराब के नशे में उसके साथ मारपीट करता था। प्रताड़ना से परेशान होकर उसने थाने में शिकायत की थी। इसी बीच घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत भरण पोषण के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया। मामले की सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने अगस्त 2024 में महिला के पक्ष में आदेश जारी किया।

हर महीने 6 हजार देने का आदेश
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिला को हर महीने 4 हजार और बेटी को हर महीने 2 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। इसके अलावा 50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति राशि देने का आदेश कोर्ट ने दिया। इस राशि को पांच किस्तों में देने की छूट दी थी।

लिव इन रिलेशनशिप में रहा, शादी नहीं की
निचली अदालत के फैसले को चुनोती देते हुये कहा कि वह पहले से विवाहित है और तीन बच्चे हैं। उसकी और महिला की शादी ही नहीं हुई। चूंकि विवाह संबंध नहीं था, ऐसे में बच्चे के जन्म का कोई सवाल ही नहीं है। यह भी कहा है कि महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है।

शादी के संबंध में फर्जी दस्तावेज तैयार कर ली है। महिला ने अपने जवाब में बताया कि उसने पहली शादी और तीन बच्चों की जानकारी नहीं दी। वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। मिलने वाला मानदेय बहुत कम है, इस रकम से वह अपने और बच्चे की देखभाल नहीं कर सकती।

कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी
दोनों पक्षों को सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट ने फैसले में कहा कि वे एक साथ रह रहे थे, जिससे बच्ची का जन्म हुआ। बच्ची के पिता के तौर पर उसका नाम दर्ज है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता, लिहाज भरण पोषण की जिम्मेदारी भी उसकी है।

About rishi pandit

Check Also

नागपुर की महिला चोर गैंग की दो सदस्य पुलिस ने किया गिरफ्तार

रायपुर दिवाली के पहले चोरी की वारदात को अंजाम देने आई नागपुर के गिरोह की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *