सतना/चित्रकूट,भास्कर हिंदी न्यूज़/ दीनदयाल शोध संस्थान एवं चित्रकूट क्षेत्र की जनता जनार्दन व जिला प्रशासन सतना के सहयोग से संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्मदिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर पारम्परिक एवं समकालीन कलाओं पर केन्द्रित त्रिदिवसीय शरदोत्सव का आयोजन 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक किया जा रहा है। जिसके प्रथम दिवस का शुभारम्भ बुधवार को मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, पूज्य दिव्यजीवन दास दिगंबर अखाड़ा भरत मंदिर, डॉ रामनारायण त्रिपाठी गायत्री शक्तिपीठ, पूज्य संत मैथिली भाई जी रामकिंकर आश्रम चित्रकूट, पूज्य पवन बाबा जी सती अनसूया आश्रम चित्रकूट तथा पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन सुश्री उषा ठाकुर, कुलगुरु महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट प्रो भरत मिश्रा, महापौर सतना योगेश ताम्रकार, मोहन नागर उपाध्यक्ष जन अभियान परिषद, कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक सतना आशुतोष गुप्ता, वीरेंद्र चतुर्वेदी सदस्य प्रबंध समिति दीनदयाल शोध संस्थान, कोषाध्यक्ष वसंत पंडित द्वारा राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के 108वें जन्मदिवस शरद पूर्णिमा पर उनके चित्र के समक्ष पुष्पार्चन व दीप प्रज्वलन के साथ विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर हुआ।
लोकनृत्य जलवा ने मोहा मन
प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत गोंडवाना संस्कृति पर आधारित लोकनृत्य जलवा से हुई, जिसे कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय की बच्चियों द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें पारंपरिक पोशाक पहने हुए महिला कलाकारों ने तबला, हारमोनियम, नगडय़िा, मंजीरा, रामतूला, और लोकगीतों की थाप पर थिरकना शुरू किया तो सभागार में मौजूद दर्शक एक टक देखते रह गए। फिर सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के बच्चों द्वारा मराठी संस्कृति की झलक लावणी, गुजरात का गरवा एवं राजस्थान के घूमर लोकनृत्य का प्रदर्शन किया गया।
पवन तिवारी के भजनों ने बांधा समां
अंत में सुप्रसिद्ध भजन गायक पवन तिवारी टीकमगढ़ ने मंच संभाला और देर रात्रि तक एक के बाद एक भजनों से नाना जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या का आभार व्यक्त करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि लोक संस्कृति, लोककलाओं और अन्य लोक विधाओं को सुरक्षित रखा जा सके इसी उद्देश्य से शरदोत्सव का आयोजन किया जाता है।