ग्वालियर। ग्वालियर शहर के नामी हाईकोर्ट के एडवोकेट सुरेश अग्रवाल ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली है। उनका शव थाना विश्वविद्यालय क्षेत्र के बलवंत नगर स्थित मनोहर एन्क्लेव के फ्लैट में फांसी के फंटे पर लटा मिला है। इस फ्लैट पर सुरेश अग्रवाल कभी-कभी आते थे। पुलिस इस आत्महत्या के पीछे के कारणों की जांच कर रही है, उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। मौके से कुछ जन्मपत्रियां और भविष्य से जुड़ी सामग्री भी मिली हैं। जिन्हें लेकर भी पुलिस जांच कर रही है।
परिजनों के अनुसार, सुरेश अग्रवाल पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे, लेकिन उन्होंने इस बारे में किसी से कोई चर्चा नहीं की थी। गौरतलब है कि सुरेश अग्रवाल ने ग्वालियर के बहुचर्चित सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा से जुड़े मामले में स्वतंत्र याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी की थी। इसके साथ ही वे दो साल पहले सेंट पॉल चर्च के फादर थॉमस थन्नॉट के केस में भी शामिल रहे थे, जिसमें उनकी याचिका पर फादर के शव को महीनों बाद कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया था।
सुरेश अग्रवाल ने आर्य समाज में बिना माता-पिता की अनुमति से होने वाली शादियों को भी अदालत में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों की वैधानिकता पर सवाल खड़े किए और रोक लगाई थी।
पुलिस का कहना है कि सुरेश अग्रवाल अपने घर से निकले थे और दिनभर गायब रहे। जब उनके परिजनों ने खोजबीन शुरू की, तो देर शाम पता चला कि वह थाटीपुर के फ्लैट पर मौजूद हैं। जब परिजन वहां पहुंचे, तो सुरेश अग्रवाल फांसी के फंदे पर लटके हुए पाए गए। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।