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MP: बच्चे साल में 10 दिन बिना बैग के आएंगे स्कूल, सीखेंगे कुम्हार, बढ़ई व माली से गुर

  1. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मप्र स्कूल शिक्षा विभाग को जारी किए आदेश
  2. इस दौरान छठवीं से आठवीं तक बच्चे गतिविधि आधारित पढ़ाई करेंगे
  3. दस दिनों में स्कूलों में ऐतिहासिक स्थलों व धरोहरों का भ्रमण कराया जाएगा

भोपाल। प्रदेश भर के स्कूलों में साल में 10 दिन बिना बैग के बच्चे स्कूल आएंगे और खेल-खेल में पढ़ना लिखना सीखेंगे। इस दौरान बच्चे कुम्हार से मिट्टी के बर्तन बनाना, बढ़ई से काष्टकारी और माली से बागवानी के गुर सीखेंगे। यह पहल मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने की है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में गतिविधि आधारित जायफुल लर्निंग पर जोर दिया जा रहा है। बच्चों के अंदर कौशल विकास व तार्किक क्षमता को बढ़ाने के लिए करिकुलम एक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मप्र शासन के सरकारी व निजी स्कूलों को आदेश जारी कर छठवीं से आठवीं तक की कक्षाओं को 10 दिन बैगलेस संचालित करने के आदेश जारी किए हैं।

इन दस दिनों में स्कूलों में ऐतिहासिक स्थलों व धरोहरों का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि इतिहास के बारे में विद्यार्थी जान सकेंगे। इसके अलावा खेल, बागवानी,आर्ट एंड क्राफ्ट, म्यूजिक आदि की गतिविधियां कराई जाएंगी। इसके लिए विशेषज्ञ भी आएंगे।इनके माध्यम से विद्यार्थियों के अंदर के टैलेंट को निखारने व परखने का प्रयास किया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों को किताबों के बोझ से दूर रखकर वास्तविक जीवन की शिक्षा देना है।

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मिलवाया जाएगा

विभाग की ओर से जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि बैग विहिन दिनों में बच्चों को कलाकार, खिलाड़ी, एनीमेशन, ग्राफिक डिजाइनर सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मिलवाया जाएगा।इस दौरान बच्चों को अपनी गतिविधयों को चुनने की आजादी होगी। बच्चों को पार्क और मेला में ले जाया जाएगा । सब्जी मंडियों का दौरा और सर्वेक्षण, पालतू जानवरों की देखभाल और रिपोर्ट लिखना, पतंंग बनाना और उड़ाना, पुस्तक मेला आयोजित करना, बायोगैस संयंत्र और ऊर्जा पार्क का भ्रमण शामिल है।

पहले भी जारी हो चुका है आदेश, नहीं होता है पालन

मप्र स्कूल शिक्षा विभाग फरवरी में सभी स्कूलों को आदेश जारी किया था कि बच्चों को सप्ताह में एक दिन बिना बैग के स्कूल जाना होगा। इसके अलावा बस्ते का वजन कम करने के लिए सितंबर 2022 में स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन आदेश का पालन अब तक नहीं हो रहा है।

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