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Dussehra: दशहरा पर इन 4 शुभ योग में करें प्रभु श्री राम की पूजा, पढ़ें शुभ मुहूर्त व पूजा का समय

  1. आश्विन में शारदीय नवरात्र की भव्यता होती है
  2. महानवमी के बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है
  3. दशहरे पर शुभ रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है

इंदौर। देश शारदीय नवरात्र के त्योहार पर माता रानी की आस्था में डूबा हुआ है। इस दौरान देशभर में गरबा की धूम है। शारदीय नवरात्र की शुरूआत आश्विन माह के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि से होती है। इसका समापन नवमी तिथि पर होता है। इसके अगले दिन दशहरा (Dussehra Celebration) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की पूजा करने से हर समस्या का हल हो जाता है। ज्योतिषियों ने बताया है कि दशहरा में कई शुभ योग पड़ रहे हैं। इस दौरान पूजा करने से भगवान राम की विशेष कृपा होगी। घर में सुख और सौभाग्य का वास होगा। जीवन में खुशियां आएंगी। इस आर्टिकल में आपको बताएंगे दशहरा पर शुभ मुहूर्त और योग कब बन रहे हैं….

दशहरा शुभ मुहूर्त

वैदिन पंचांग की मानें तो 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरूआत होगी। इसका समापन 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर होगा। उसके बाद एकादशी लग जाएगी। दशहरा (Dussehra 2024) को हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में मनाया जाता है। दशहरा पर दोपहर के समय शुभ मुहूर्त पर पूजा की जा सकती है।

दशहरा मुहूर्त मुहूर्त

  • विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है।
  • अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 44 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक है।
  • गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 54 मिनट से लेकर 06 बजकर 19 मिनट तक है।

शुभ योग

आश्विन माह की दशमी तिथि, जो इस वर्ष 13 अक्टूबर को आएगी, में खास ग्रहयोग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो दोनों ही शुभ माने जाते हैं। इन योगों में भगवान राम की पूजा करने से साधक के सभी मनोरथ सिद्ध हो सकते हैं। रवि योग का प्रभाव दिनभर रहेगा, जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग भी इस दिन सक्रिय रहेगा।

इन शुभ योगों के साथ दशहरा पर श्रवण नक्षत्र का संयोग भी है, जिससे यह अवसर और भी विशेष हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन किए गए मंगल कार्य और खरीदारी अत्यंत लाभकारी होते हैं। खासकर इस दिन की खरीदारी को विशेष भाग्यशाली माना जाता है।

कुल मिलाकर, इस वर्ष दशहरा पर चार महत्वपूर्ण मंगलकारी योगों का एक साथ होना एक दुर्लभ संयोग है। यह समय न केवल पूजा-पाठ के लिए बल्कि नए कार्यों की शुरुआत और खरीदारी के लिए भी बेहद शुभ है। साधक और भक्तों को इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। ऐसे अद्भुत संयोगों का स्वागत करते हुए हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रयास करना चाहिए।

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