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Panna: एक साल बाद पन्ना टाइगर रिजर्व में गूंजी किलकारी, बाघिन पी-141 ने दिया चार शावकों को जन्म

  1. बाघिन पी-141 ने 4 शावकों को दिया जन्म
  2. पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 90
  3. 2008-09 में बाघ विहीन हुआ था पन्ना क्षेत्र

पन्ना,भास्कर हिंदी न्यूज़/  पन्ना टाइगर रिजर्व में एक साल बाद एक बार फिर नन्हें शावकों की किलकारी गूंजी है। यहां बाघिन पी-141 ने 4 शावकों को जन्म दिया। बाघों के दीदार करने पहुंचे पर्यटकों ने इसके वीडियो ओर फोटो साझा किए हैं। इसके बाद प्रबंधन ने पुष्टि की और बताया की यह बहुत ही सुखद खबर है।

बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अनुकूल है और इनकी लगातार संख्या बढ़ती जा रही जो अब 90 के पार पहुंच गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व 2008-09 में बाघ विहीन हो चुका था, इसके बाद पुनर्स्थापना कर कान्हा से और पेंच से यहां बाघ बाघिन लाए गए।

उचित प्रबंधन और अनुकूल वातावरण के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई। आज पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों से गुलजार हो रहा है और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

वन्य जीवन और जैव विविधता से बचपन में ही अवगत कराएं : राज्यपाल

सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि बच्चों को वन, वन्य जीव और जैव विविधता की महत्ता के बारे में आरंभ से ही संस्कारित किया जाना चाहिए। माता-पिता उन्हें जैव संरक्षण की बहुलता और आवश्यकता के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाएं। हमारा संविधान पर्यावरण के संरक्षण, वन और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदान करता है।

वन्य जीव सप्ताह

राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मौलिक कर्तव्यों के तहत प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान की अपेक्षा करता है। उन्होंने एक से सात अक्टूबर तक आयोजित वन्य जीव सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत किया।

वन्य जीव संरक्षण की शपथ

राज्यपाल ने कहा कि कोविड ने हमें सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति की विविधता के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र के साथ रहने का सबक दिया है। उन्होंने उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण की शपथ भी दिलाई। राज्यपाल ने कहा कि मध्य प्रदेश को कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र होने गौरव प्राप्त है।

बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल प्रदेश की पहचान

बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल, चीता, भेड़िए और गिद्धों की सर्वाधिक संख्या के लिए भी प्रदेश पहचाना जाता है। हर प्रदेशवासी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे वन और वन्य जीव रूपी अमूल्य धरोहर की विरासत को सहेज कर भावी पीढ़ी को सौंपने में अपना योगदान दे। राज्य मंत्री वन दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण और कानूनों की जागरूकता में वन्य जीव सप्ताह की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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