Thursday , November 21 2024
Breaking News

मध्य प्रदेश के कूनो जंगल में अब आजाद होंगे चीते, यूपी और राजस्थान भी जा सकेंगे

श्योपुर
 कूनो नेशनल पार्क में रह रहे चीतों के साम्राज्य में अब विस्तार होगा। उन्हें जल्द ही खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके बाद वह मध्य प्रदेश ही नहीं, यूपी और राजस्थान में भी छुट्टा घूमेंगे। वो जब चाहे तब जंगल में खुद से लौंटेगे लेकिन उन्हें ट्रैंकुलाइज नहीं किया जाएगा। यह निर्णय तीन राज्यों के वन विभाग के अधिकारियों की हुई मीटिंग में लिया गया है। एमपी, यूपी और राजस्थान के 27 जिलों में चीते घूम सकेंगे।

तीन राज्य के अधिकारियों ने की प्लानिंग

कूनो नेशनल पार्क में अभी बड़े और छोटे मिलाकर चीतों की संख्या 24 है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वन अधिकारियों ने इस बारे में योजना बनाई है। चीतों को ट्रेंकुलाइज करके वापस नहीं लाया जाएगा, केवल जान का खतरा होने पर ही उन्हें रेस्क्यू किया जाएगा।

विस्तृत योजना की जाएगी तैयार

इससे पहले, लगभग दो साल का एक विस्तृत कार्य योजना तैयार किया जाएगा। इस योजना में चीतों के लिए शिकार की व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम और वन कर्मचारियों को चीतों की देखभाल का प्रशिक्षण शामिल होगा।

पूरी योजना बनने के बाद ही साफ होंगी चीजें

कूनो नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने कहा कि पूरी योजना बनने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। सबसे पहले, कूनो से सटे जिलों में चीतों के लिए भोजन की उपलब्धता की जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन जिलों के जंगलों में चीतों के लिए पर्याप्त शिकार उपलब्ध हो।

खुले जंगल में पहले छोड़े जाएंगे चीते

वहीं, कूनो नेशनल पार्क के 24 चीते जल्द खुले जंगल में छोड़े जाएंगे। खास बात यह है कि इस बार चीतों के विचरण का दायरा बड़ा होगा। ये बाघों की तरह 3 राज्यों के 27 जिलों में घूम सकेंगे। इन्हें ट्रेंकुलाइज कर वापस नहीं लाया जाएगा। जान का खतरा होने पर ही रेस्क्यू किया जाएगा।

कूनो से सटे जिलों को किया जाएगा शामिल

इस योजना में कूनो से सटे जिलों को भी शामिल किया जाएगा, जहां चीतों के लिए शिकार की व्यवस्था की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चीतों को जंगल में पर्याप्त भोजन मिले और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

चीतों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह कदम चीतों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। चीतों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि उनके लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार हो।

इसके लिए वन विभाग द्वारा कई ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे कि शिकार की व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम और वन कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना। इससे चीतों की आबादी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

About rishi pandit

Check Also

जबलपुर में एक बार फिर कलेक्टर ने निजी स्कूलों पर लगाम कसते हुए लाखों रुपए का जुर्माना किया

जबलपुर जबलपुर में एक बार फिर कलेक्टर ने निजी स्कूलों पर लगाम कसते हुए लाखों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *