न्यूयॉर्क/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में एक गोलमेज सम्मेलन में एडोब, एक्सेंचर, गूगल और आईबीएम समेत 15 प्रौद्योगिकी सीईओज से मुलाकात की तथा प्रौद्योगिकी एवं नवाचार से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह भारत के प्रति अपार आशावाद देखकर प्रसन्न हैं। उन्होंने पोस्ट में कहा 'न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी सीईओज के साथ एक फलदायी गोलमेज सम्मेलन हुआ, जिसमें प्रौद्योगिकी, नवाचार और अन्य से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई। साथ ही इस क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला गया। मैं भारत के प्रति अपार आशावाद देखकर प्रसन्न हूं।' एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित गोलमेज सम्मेलन में प्रौद्योगिकी उद्योग के नेताओं के साथ न्यूयॉर्क में बातचीत की। प्रौद्योगिकी-गोलमेज सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम; जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान; कंप्यूटिंग, आईटी और संचार; और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सीईओज ने श्री मोदी के साथ वैश्विक स्तर पर विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य और किस तरह से ये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां भारत सहित दुनिया भर के लोगों की भलाई में योगदान दे रही हैं इस पर गहन चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि किस तरह से प्रौद्योगिकी का उपयोग नवाचारों के लिए किया जा रहा है जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था और मानव विकास में क्रांति लाने की क्षमता है। श्री मोदी ने प्रौद्योगिकी नेताओं को एक साथ लाने के लिए एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और इसके डीन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी सहयोग और महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (आईसीईटी) जैसे प्रयास भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के मूल में हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए हर संभव प्रयास करेगें। उन्होंने कंपनियों को सहयोग और नवाचार के लिए भारत की विकास कहानी का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। वे भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास से अवसरों का दोहन करते हुए दुनिया के लिए भारत में सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने भारत में हो रहे आर्थिक परिवर्तन पर प्रकाश डाला, खास तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, बायोटेक और हरित विकास में। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भारत को बायोटेक पावरहाउस बनाने के लिए भारत की बायो ई3 नीति पर भी चर्चा की।
सीईओज ने भारत के साथ निवेश और सहयोग करने में अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। भारत की वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में बढ़ती प्रमुखता, इसकी नवाचार-अनुकूल नीतियों और समृद्ध बाजार अवसरों से प्रेरित है, जिसे टेक-लीडरों से बहुत सराहना मिली। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि स्टार्टअप में निवेश करना भारत में नई तकनीकों का नवाचार और विकास करने का एक सहक्रियात्मक अवसर होगा। गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले एमआईटी के प्रोफेसर अनंथा चंद्रकासन, संस्थान में मुख्य नवाचार और रणनीति अधिकारी और एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन ने प्रधानमंत्री और सीईओ को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और इसे वैश्विक भलाई के लिए सुलभ बनाने के लिए एमआईटी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले सीईओ की सूची में जूली स्वीट, सीईओ, एक्सेंचर, शांतनु नारायण, अध्यक्ष और सीईओ एडोब; लिसा सू, सीईओ एएमडी, क्रिस वीहबैकर, सीईओ बायोजेन इंक, क्रिस बोर्नर, सीईओ ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब डेविड ए. रिक्स, सीईओ एली लिली एंड कंपनी, सुंदर पिचाई, सीईओ गूगल एनरिक लोरेस, सीईओ और अध्यक्ष एचपी इंक; अरविंद कृष्णा, सीईओ आईबीएम, टिम आर्चर, सीईओ एलएएम रिसर्च, नूबर अफयान, अध्यक्ष मॉडर्ना, हंस वेस्टबर्ग, अध्यक्ष और सीईओ वेरिजॉन, थॉमस कौलफील्ड, सीईओ ग्लोबल फाउंड्रीज, जेन्सेन हुआंग, संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ एनवीआईडीआईए और मार्टिन श्रोएटर, सीईओ किंड्रिल शामिल थे।