रांची.
संथाल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ी जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जब यह बात सामने आई कि छह जिलों के डीसी की ओर से जो शपथपत्र सौंपे गए हैं, उनमें सच्चाई नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि संथाल में एक भी घुसपैठ मिली तो संबंधित जिलों के डीसी पर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद एवं जस्टिस एके राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का झारखंड में प्रवेश अलार्मिंग स्थिति है, क्योंकि ये घुसपैठिए झारखंड के रास्ते देश के अन्य राज्यों में भी घुसकर वहां की आबादी को प्रभावित करेंगे। वहीं सुनवाई के दौरान वर्चुअल मोड़ से जुड़े सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने मौखिक कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से संथाल में ट्राइबल आबादी का घटना गंभीर मामला है। केंद्र सरकार इस पर गहन अध्ययन कर रही है। जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। तब खंडपीठ ने आग्रह स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 12 सितंबर निर्धारित की।
आईबी को प्रतिवादी से हटाने का किया आग्रह –
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खंडपीठ से आग्रह किया कि इस मामले में आईबी को प्रतिवादी से हटाया जाए, क्योंकि कई गोपनीय चीजें आईबी के पास होती हैं, जो सार्वजनिक नहीं की जा सकती। दरअसल, हाईकोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर और एनआईए समेत कई को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन उनकी ओर से पिछली सुनवाई में जवाब दाखिल नहीं किया गया था, जिसपर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी।