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RPF के दो जवानों ने ट्रेन के वैगन से आयरन प्लेट्स चुराकर, कबाड़ी को फंसा

बिलासपुर

RPF के दो जवानों ने पहले तो ट्रेन के वैगन से आयरन प्लेट्स चुराकर बेचा, फिर कबाड़ी को झूठे आरोप में फंसाकर बेटे को परेशान करने लगे. जवानों की प्रताड़ना से त्रस्त कबाड़ी ने ट्रेन से कटकर जान दे दी. इस पूरी घटना के लिए विभाग ने दोनों जवान को दोषी ठहराया है, जिसके खिलाफ दोनों शातिरों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

बिलासपुर के तालापारा निवासी एके पात्रे और तिल्दा निवासी मोहित कुमार आरपीएफ के तिल्दा पोस्ट में हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ थे. 28 दिसंबर 2021 को आयरन प्लेट्स से भरा रैक मांढर रेलवे स्टेशन पहुंचा. दोनों जवानों पर आरोप है कि दोनों ने रैक के ताले खोले और कुछ लोगों की मदद से आयरन प्लेट्स गिराए. 50-60 बैग में भरकर एक कबाड़ी को बेच दिया. दूसरे दिन दोनों ने मांढर निवासी कबाड़ी अब्दुल खान को पकड़ा.

पूछताछ के दौरान दोनों जवानों पर हमला करने के आरोप में कबाड़ी के बेटे साहिल खान पर झूठा मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. इस घटना से परेशान कबाड़ी अब्दुल खान ने 10 जनवरी 2022 को अमरकंटक एक्सप्रेस से कटकर जान दे दी थी.

बेटी ने की लिखित शिकायत
पिता की मौत के बेटी जन्नत खान ने आरपीएफ के दोनों जवानों के खिलाफ पिता व भाई को प्रताड़ित करने और झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाती हुई शिकायत की व इस पूरे मामले की जांच की मांग की थी. प्रारंभिक जांच के बाद 10 जनवरी 2022 को ही दोनों जवानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. 30 जनवरी 2022 को आरोप पत्र जारी किया गया. इसके खिलाफ दोनों ने पूर्व में याचिका लगाई थी, जिसे हाई कोर्ट ने निराकृत कर दिया था.

मामले की जांच पूरी होने के बाद जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. 27 और 28 अप्रैल 2022 को सौंपे जांच रिपोर्ट पर दोनों जवानों को 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए थे. जांच रिपोर्ट में लगाए गए आरोप को चुनौती देते हुए दोनों जवानों ने अपने अधिवक्ता के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

ये लगाए गए हैं आरोप
आरपीएफ के दोनों जवानों पर जांच रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करने, चोरी में शामिल होने, कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने और मृतक अब्दुल खान के साथ दुर्व्यवहार- मारपीट करने का आरोप है. आरपीएफ के दोनों जवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरपीएफ के दोनों की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने दोनों आरोपी जवानों को जांच रिपोर्ट पर जवाब पेश करने की छूट दी है.

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