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Batla House Encounter Case : बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में अदालत का फैसला, आतंकी आरिज़ खान को मौत की सजा

Batla House Encounter Case:digi desk/BHN/ 2008 के बहुचर्चित बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में आज अदालत का फैसला आ गया है। दिल्‍ली की कोर्ट ने इस केस में सुनवाई करते हुए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज़ खान को मौत की सजा सुनाई है। साथ ही इस केस को दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में रखा गया है। 13 साल पहले वर्ष 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ में दोषी करार दिए गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को सोमवार शाम सजा सुनाई गई। पहले सुबह सजा पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी पाया है। मुजफ्फरनगर निवासी आरिज खान मुठभेड़ के बाद फरार हो गया था, जिसे फरवरी, 2018 में गिरफ्तार किया गया था। बीटेक पास आरिज को विस्फोटक विशेषज्ञ माना जाता है।

यह है पूरा मामला

दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में हुए बम धमाकों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल खुफिया सूचना पर 19 सितंबर, 2008 राजधानी के जामिया नगर स्थित बाटला हाउस के मकान नंबर-108, एल-18 में पहुंची थी। वहां एनकाउंटर में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकी आतिफ अमीन और मुहम्मद साजिद मारे गए थे। इस कार्रवाई में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। आरिज खान उर्फ जुनैद व शहजाद अहमद उर्फ पप्पू फरार हो गए थे, जबकि जीशान को वहीं गिरफ्तार कर लिया गया था। शहजाद को बाद में गिरफ्तार किया गया और मोहन चंद शर्मा की हत्या समेत अन्य अपराध में उसे जुलाई, 2013 में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। आरिज खान को स्पेशल सेल ने 2018 में भारत-नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किया था।

इन धाराओं में ठहराया गया दोषी
  • -302 (हत्या) : फांसी की सजा, 10 लाख रुपये जुर्माना
  • -307 (हत्या का प्रयास) : उम्रकैद, 20 हजार रुपये जुर्माना
  • – धारा 186 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाना) : तीन माह
  • – 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करना) : दो साल
  • – 333 (सरकारी कर्मचारी को गंभीर रूप से चोटिल करना) : 10 साल की कैद, 20 हजार रुपये जुर्माना
  • – 174 ए (भगोड़ा घोषित होने के बावजूद पेश न होना) : सात साल की कैद, 10 हजार रुपये जुर्माना
  • – शस्त्र अधिनियम की धारा 27 : तीन साल की सजा, 50 हजार रुपये का जुर्माना

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